चित्तौरगढ़। भदेसर में प्रजा का हाल जानने के लिए भोलेनाथ की दिव्य सवारी निकाली गई. यह सवारी धनेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर भदेसर के भैरूनाथ मंदिर चौक तक पहुंची। इसके लिए शहर में 51 से अधिक स्वागत द्वार बनाये गये थे. इस सवारी में भोलेनाथ, नंदी और उनकी सेना की सजीव झांकियां शामिल थीं. जो तांडव करते हुए जा रहे थे. इस दौरान शहर और आसपास हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गयी. बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। सभी लोग डीजे और ढोल की थाप पर नाच-गा रहे थे। भीड़ को देखते हुए चार पुलिस थानों का जाब्ता और लाइन से अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया। भदेसर कस्बे के पास धनेश्वर महादेव का मंदिर है। सावन माह के आखिरी सोमवार को भोलेनाथ की दिव्य सवारी निकाली गई. इस आयोजन की शुरुआत पिछले साल से की गई थी. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर भगवान भोलेनाथ के प्राचीन मंदिर से दोपहर में दिव्य सवारी शुरू हुई। जो अमरपुरा, गंगा गुड़ा होते हुए भदेसर भैरूनाथ मंदिर चौक पहुंची।
इस दिव्य सवारी के स्वागत के लिए 51 द्वार बनाये गये थे। इनमें अमरपुरा, भालंदी, ब्यावर, चंपा खेड़ी, कहारों की ढाणी, उदपुरा की ढाणी, पीपली का गुड़ा, गुलाब जी का घोड़ा, धनाइत, अमरपुरा गंगा गुड़ा, अचलपुरा, बोलियों की ढाणी, आसावरा माता, लसड़ावन, नाहरगढ़, कन्नौज, झाड़ोली शामिल हैं। , गोपी का खेड़ा, नंगा जी का खेड़ा, चरपोटिया, पोटला खुर्द, भादसोड़ा व बानसेन आदि स्थानों से श्रद्धालु शामिल हुए। भीड़ हजारों की संख्या में थी। इस शोभा यात्रा में मिट्टी से बनी धनेश्वर महादेव की प्रतिकृति शामिल थी. जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान सजीव झांकिया भी शामिल थे. शिवजी, पार्वती और नंदी सभी ने अघोरी नृत्य किया। जुलूस में भस्म आरती, अंगारों पर तांडव नृत्य और कपूर आरती मुख्य आकर्षण रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं जो डीजे की धुन पर नाच-गा रही थीं। भीड़ को देखते हुए भदेसर, भादसोड़ा, शंभुपुरा व मंडफिया थाने का जाब्ता तथा पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया। दिव्य सवारी के समापन पर रावला चौक स्थित रामेश्वर मंदिर में भव्य आरती की गई और प्रसाद वितरित किया गया। प्रसाद वितरण के बाद गौ सेवा समिति द्वारा रावला चौक पर भोजन प्रसादी का भी आयोजन किया गया है।