डूंगरपुर। उदयपुर के अमरपुरा गांव में डूंगरपुर से गए बारातियों पर बदमाशों ने हमला कर घायल कर दिया और वाहनों में तोड़फोड़ की। उदयपुर के अमरपुरा गांव में डूंगरपुर से गए बारातियों पर पथराव हुआ। दूल्हे समेत बारातियों ने भागकर और घर में छुपकर अपनी जान बचाई। 10 से 15 बदमाशों ने पथराव और लट्ठ से हमला करते हुए बारातियों की की जमकर धुनाई की। हमले में 3 बारातियों को गंभीर चोटें आई है। हमलावरों ने बारातियों की 2 क्रूजर, 1 पीकअप और 5 बाइक तोड़ दी। कल्याणपुर से पुलिस के पहुंचने के बाद घायलों को डूंगरपुर अस्पताल लाया गया।
डूंगरपुर के बलवाड़ा गांव से राजू पुत्र हकरा बरंडा की बारात गुरुवार सुबह उदयपुर जिले के अमरपुरा गांव में गई थी। दुल्हन सुकना के साथ उसकी शादी थी। एक पिकअप, 2 क्रूजर जीप और बाइक पर बाराती गए थे। शादी में सभी लोग मस्त थे। नाच गा रहे थे। शादी की रस्में पूरी हो गई। बारातियों ने खाना भी खा लिया। बारात की विदाई होने से पहले ही 10 से 15 बदमाश हाथों में लट्ठ, पत्थर लेकर आए और बारातियों पर पथराव शुरू कर दिया। बाराती कुछ घटना को समझ पाते इससे पहले ही हमलावरों ने बारातियों को पत्थर मारे और लट्ठ से पिटाई की। इससे कई बारातियों को चोटें आई। हमले के डर से बाराती भागने लगे। वहीं, दूल्हा समेत कुछ बाराती आसपास के घरों में जाकर छुप गए और दरवाजों को बंद कर दिया। बदमाशों ने बारातियों की पिकअप, क्रूजर ओर बाइक को तोड़ दिया। उसके शीशे फोड़ दिए।
बाराती नारायण बरंडा, सुरता बरंडा ने बताया की घरों के अंदर छुपकर अपनी जान बचाते हुए 100 नंबर पर फोन किया। पुलिस को घटना के बारे में बताया। करीब घंटेभर बाद कल्याणपुर थाने से पुलिस पहुंची। इसके बाद बदमाश मौके से भाग गए। पुलिस ने आने के बाद पथराव बंद हुआ तो घरों में छुपे बाराती बाहर निकले। वहीं, हमले में घायल बाराती दिनेश (22) पुत्र रमेश बरंडा, आशीष (19) पुत्र शंकर बरंडा, प्रकाश (28) पुत्र लक्ष्मण बरंडा, सुरता बरंडा निवासी गड़ा मोरैया घायल हो गए। वहीं, अन्य कई बारातियों को भी मामूली चोटें आई। घायलों को टूटी गाड़ियों से ही डूंगरपुर अस्पताल लाकर भर्ती करवाया गया है। बाराती सुरता बरंडा ने बताया कि अचानक हमला हुआ, जिससे कुछ भी पता नहीं चला। प्रकाश ने बताया की हमला करने वाले लोग कौन थे कुछ भी पता नहीं चला। लेकिन गांव के लोगों ने भी उनकी कुछ मदद नहीं की। अमरपुरा गांव के लोग भी पथराव को देखते रहे। उनके पास बच्चे होने से पथराव से वे डर गए। हमलावरों ने बच्चों को भी नहीं देखा। ऐसे में उनको बच्चे लेकर घरों में छुपना पड़ा। नहीं तो वे किसी के साथ भी कुछ भी कर सकते थे। गाड़ियां तोड़ने से उनको काफी नुकसान हुआ है।