मुक्ति महासम्मेलन में बावरी समाज ने दिखाई ताकत, समाज के उत्थान को लेकर हुई चर्चा
पाली। पाली अखिल भारतीय बावरी समाज मुक्ति दिवस महासम्मेलन बागावास के निकट स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज परिसर में हुआ। न को लेकर आयोजन कमेटी के अध्यक्ष गुमान सिंह चौहान ने बताया कि 12 अक्टूबर 1871 को जराईम पेशा एक्ट समाज पर लागू किया गया था। देश आजाद होने के बाद 31 अगस्त 1952 को जराईम पेशा एक्ट से समाज को आजादी मिली। इस दिन को यादगार उत्सव के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है। अंग्रेज शासनकाल मे मानसिक व सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर करने के जराईम एक्ट लागू कर दिया। और 31 अगस्त 1952 को बावरी समाज पेशा एक्ट से आजाद हुआ। इस दिन को यादगार बनाने के लिए उत्सव के रूप में और हर साल की तरह वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। इस साल भी वार्षिक उत्सव बागावास गांव में निकट निर्माणधीन मेडिकल कॉलेज में मुक्ति दिवस के रूप में मनाया गया। जिसमें प्रदेश भर से हजारों की संख्या में बावरी समाज के लोग एकत्रित हुए। समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसै बाल विवाह, दहेज प्रथा, मृत्युभोज जैसी प्रथा को मिटाने के साथ ही समाज में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देन पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने संबोधित करते हुए अपने-अपने बात को समाज स्तर पर रखा प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष राजूराम दानासनी पुष्कर, मंदिर कमेटी अध्यक्ष जुगराज बावरी, उद्योगपति गणपत बावरी, सम्पत राठोड पाली तथा आशाराम बावरी, जगदीश बावरी, ढगलाराम बावरी, पूर्व विधायक सोना देवी, विधायक इंदरा देवी, विधायक सन्तोष देवी, प्रशासनिक अधिकारी कंचन बोहरा, जेपी बोहरा, भेराराम बावरी, ताराचंद बावरी सहित हजारों समाजबंधु कार्यक्रम में पहुंचे। इसके साथ ही बावरी समाज ने अपनी ताकत दिखाते हुए चुनाव में बावरी समाज के नेताओं को टिकट देने की भी पूरजोर मांग उठाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बावरी समाज के लोग है लेकिन उनकिे समाज के लोगों को चुनाव में टिकट नहीं मिलता। उन्होंने देश की दोनों बड़ी पार्टियों को चुनाव में उनके समाज के नेताओं को टिकट देने की मांग की।