अमित शाह से मिले बजरंग, पूनिया ने महापंचायत को फैसला लेने से रोका

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Update: 2023-06-04 17:13 GMT
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। यह मुलाकात शनिवार देर रात करीब 11 बजे हुई। करीब 2 घंटे तक शाह के निवास पर मीटिंग चली। यह मुलाकात खाप पंचायतों की तरफ से केंद्र को 9 जून तक का अल्टीमेटम देने के बाद हुई।
एक महिला रेसलर की मां ने इस मीटिंग की पुष्टि करते हुए कहा कि अमित शाह ने पहलवानों को बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पहलवानों ने ही गृह मंत्री शाह से मुलाकात का समय मांगा था। इसके बाद यह मीटिंग हुई। इसमें पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की। अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से इतना जरूर पूछा कि क्या पुलिस को अपना काम करने का समय नहीं देना चाहिए?
पूनिया ने महापंचायत को फैसला लेने से रोका
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद बजरंग पूनिया ने रविवार को घोषणा की कि पहलवान जल्द ही अपनी खुद की एक महापंचायत करेंगे। हरियाणा में सोनीपत जिले के मुंडलाना में पहलवानों के समर्थन में ‘सर्व समाज समर्थन पंचायत' को संबोधित करते हुए पूनिया ने वक्ताओं से किसी भी निर्णय की घोषणा नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगले 3-4 दिनों में पहलवान ‘महापंचायत' बुलाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक महापंचायत करेंगे और उसके लिए आह्वान करेंगे। हम जगह तय करेंगे। हम उस पंचायत के लिए सबको साथ लाना चाहते हैं, हम नहीं चाहते कि हम बंटें।''
पूनिया ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी जाति विशेष के लिए नहीं, बल्कि सम्मान के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम विभाजित रहते हैं, तो हम जीत नहीं सकते।'' इस पंचायत में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी भी मौजूद थे। मलिक हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुखर आलोचक रहे हैं। मलिक ने पहलवानों की मांगों पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और उन्होंने लोगों से अगले लोकसभा चुनाव में सरकार को सत्ता से बाहर करने का आग्रह किया।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को हुई एक अन्य ‘‘महापंचायत'' में खाप नेताओं ने सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी और सरकार को इस पर कार्रवाई के लिए नौ जून तक का समय दिया था। इसने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो किसान नौ जून को प्रदर्शनकारी पहलवानों को लेकर जंतर-मंतर जाएंगे। इससे पहले किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भी ‘‘खाप महापंचायत'' की थी। शुक्रवार की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत शामिल हुए थे।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार पहलवानों के मुद्दे पर माफी मांगने के लिए मजबूर होगी, जैसा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर किया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दों पर कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक और लड़ाई लड़नी होगी, भले ही तीन कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया हो।
वर्ष 2019 के पुलवामा हमले को लेकर मलिक ने अपने दावे को दोहराते हुए फिर एक बार मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हमला केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि केंद्र सरकार ने सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए विमान देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पांच विमान मांगे थे, अगर ये दिये गये होते तो उन्हें सड़क मार्ग से यात्रा नहीं करनी पड़ती... वे मुझसे पांच विमान मांग सकते थे, मैं राज्यपाल था, मैं 15 मिनट में विमान दे देता, लेकिन उन्होंने गृह मंत्रालय से विमान मांगे थे, जिसने विमान देने से इनकार कर दिया था।'' भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पहलवानों को न्याय नहीं देने के लिए सरकार के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है।
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