श्रीनगर। कश्मीर के हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में गुरुवार को छड़ी पूजन के साथ 62 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा संपन्न हो गई। इस वर्ष 4.7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में दर्शन किए। इस साल बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर पहुंचे थे। गुरुवार को पवित्र गुफा में भगवान शिव की पवित्र गदा की विशेष पूजा की गई। इसे छड़ी मुबारक के नाम से जाना जाता है। महंत दीपेंद्र गिरि साधुओं और अधिकारियों के एक समूह के साथ छड़ी मुबारक का नेतृत्व करते हुए अंतिम पूजा के लिए रक्षा बंधन के अवसर भगवान शिव के पवित्र गुफा मंदिर में पहुंचे, जो इस साल की अमरनाथ यात्रा के औपचारिक अंत का प्रतीक था। इसके साथ ही अब तक की सबसे लंबी अमरनाथ यात्रा संपन्न हो गई। एक जुलाई को शुरू हुई इस यात्रा के दौरान इस वर्ष 4.7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में दर्शन किए।
पिछले साल यात्रा में कुल तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लिया था। गिरि ने बताया कि छड़ी मुबारक रात्रि विश्राम के लिए बुधवार को पंजतरणी पहुंची और गुरुवार को सूर्य उदय के साथ और पूर्णिमा की शुरुआत के अंतिम अनुष्ठान के लिए गुफा मंदिर के लिए रवाना हुई। उन्होंने कहा कि श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर गुफा मंदिर में गुरुवार सुबह पूजा शुरू हुई और दो घंटे तक चली। उन्होंने बताया कि सब कुछ ठीक रहा और पूजा अच्छी तरह से संपन्न हो गई है और हम अब से दो घंटे के भीतर पंजतरणी लौट जाएंगे। इस वर्ष प्रशासन ने यात्रा मार्गों के दोनों ओर श्रद्धालुओं के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की और यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य एजेंसियों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को जम्मू से गुफा मंदिर तक तीर्थयात्रा के पूरे मार्ग पर तैनात किया गया था, जिसमें हेलीकॉप्टर और ड्रोन तीर्थयात्रियों के काफिले की आवाजाही की निगरानी कर रहे थे। तीर्थयात्रियों की कम संख्या के कारण और तीर्थयात्रा के दोनों मार्गों की आवश्यक मरम्मत करने के लिए अधिकारियों ने 23 अगस्त को यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था।