साल 2000 से अब तक के सभी टॉपर्स

किसने कौन सा विषय लिया और कितनी बार में मिली सफलता?

Update: 2023-05-25 14:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें टॉप-4 रैंक तक बेटियों ने ही बाजी मारी है। ग्रेटर नोएडा की इशिता किशोर ने पहला रैंक हासिल किया है। दूसरे स्थान पर गरिमा लोहिया और तीसरे स्थान पर उमा हरथी एन हैं। चौथे स्थान पर प्रयागराज की स्मृति मिश्रा हैं। पांचवें स्थान पर असम के मयूर हजारिका हैं।

सिविल सर्विसेज परीक्षा में हर साल पांच से दस लाख युवा बैठते हैं और अंतिम तौर पर 600 से 800 युवाओं का ही चयन होता है। ऐसे में ये चेहरे काफी अहम हो जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही 22 चेहरों से मुलाकात करवाएंगे। साल 2000 से लेकर साल 2022 तक के उन चेहरों की कहानी बताएंगे, जिन्होंने इतनी कठिन परीक्षा न केवल उत्तीर्ण की, बल्कि टॉप भी किया।

2000 : नागपुर में तैनात में टॉपर विजयलक्ष्मी प्रसन्ना बिदारी, परिवार में पांच IAS-IPS

सिविल सर्विसेज परीक्षा 2000 की टॉपर विजयलक्ष्मी प्रसन्ना बिदारी इन दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में तैनात हैं। बिदारी अभी नागपुर संभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) के पद पर नियुक्त हैं। बिदारी के परिवार के पांच सदस्य IAS-IPS हैं। पति मल्लिकार्जुन प्रसन्ना मुंबई में IPS अधिकारी हैं। पिता शंकर बिदारी कर्नाटक राज्य के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक रह चुके हैं। शंकर बिदारी मशहूर चंदन तस्कर वीरप्पन को पकड़ने के लिए गठित एक विशेष कार्य बल के कमांडर थे। विजयलक्ष्मी के भाई और उनकी पत्नी भी सिविल सर्विसेज में हैं। विजयलक्ष्मी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा के पहले अटेंप्ट में ऑल इंडिया 107वीं रैंक हासिल की थी। दूसरे अटेंप्ट में वह देश की टॉपर बन गईं। उन्होंने कंम्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की है। विजयलक्ष्मी का सिविल सर्विसेज में ऑप्शनल विषय राजनीति विज्ञान और कन्नड़ लिट्रेचर था।

2001 : दूसरे प्रयास में पांच नंबर से चूके, तीसरे में देश के टॉपर बन गए

10 अगस्त 1972 को आलोक रंजन झा का जन्म बिहार में हुआ। आलोक साल 2001 सिविल सर्विसेज परीक्षा के टॉपर हैं। इन दिनों विवादों में चल रहे हैं। आरोप है कि संयुक्त राष्ट्र में देश के स्थायी मिशन में अपनी पोस्टिंग लेने के लिए न्यूयॉर्क जाते वक्त उन्होंने एयर इंडिया की फ्लाइट में एक महिला सह-यात्री के साथ दुर्व्यवहार किया। इस घटना के बाद झा अपने अचानक स्थानांतरण के बाद वापस भारत आ गए हैं। आरोप है कि उन्होंने सह-यात्री और एयरलाइन क्रू के साथ दुर्व्यवहार किया। सरकार के पास दर्ज शिकायत के बाद उनका तबादला कर दिया गया था।

हिंदू कॉलेज से स्नातक और फिर जेएनयू से एमफिल करने वाले झा ने सिविल सर्विसेज परीक्षा तीन बार दी। पहले अटेंप्ट में वह मेंस क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। दूसरे में वह पांच अंक से सफलता हासिल करने से चूक गए। तीसरे अटेंप्ट में वह ऑल इंडिया टॉपर बन गए। उस दौरान उन्होंने IAS की बजाय IFS का चयन किया था। लंबे समय से वह विदेश विभाग में सेवा दे रहे हैं।

पेरिस, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान जैसे कई देशों में वह राजदूत रह चुके हैं। इसके अलावा भी विदेश विभाग के कई अहम पदों को संभाल चुके हैं। सिविल सर्विसेज में झा का ऑप्शनल विषय सोसलॉजी और राजनीति विज्ञान था।

2002 : IIT दिल्ली के अंकुर गर्ग ने मारी बाजी, पहले प्रयास में टॉपर बन गए

आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अंकुर को मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पैकेज पर नौकरी ऑफर हुई थी। हालांकि, उन्होंने इसे ठुकरा दिया। अंकुर डॉक्टर परिवार से ताल्लकु रखते हैं, लेकिन कक्षा तीसरी से वह आईएएस अफसर बनना चाहते थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान अंकुर ने फ्रांस और स्विट्जरलैंड में इंटर्नशिप भी की।

अंकुर ने सिविल सर्विसेज परीक्षा पहले प्रयास में ही क्लियर कर लिया और टॉपर भी बन गए। 2020 में भी अंकुर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी, जब अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मैक्रोइकॉनॉमिक्स में 171/170 स्कोर करने के लिए सुर्खियां बटोरी थीं। गर्ग को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर मिला है। अंकुर का जन्म 1980 में हुआ। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। बहन भी डॉक्टर हैं। अंकुर ने सिविल सर्विसेज परीक्षा के दौरान ऑप्शनल विषय के रूप में फिजिक्स और केमिस्ट्री रखी थी। 

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