झाड़ियों में मिला 7 दिन का नवजात शिशु, लोगों में मचा हड़कंप

Update: 2023-09-06 11:28 GMT
दौसा। दौसा जिले के बांदीकुई कस्बे में एक तरफ इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर देखने को मिली तो वहीं दूसरी तरफ इंसान के रूप में तीन देवदूत भी सामने आए. यहां गांधी पार्क के गेट के पास झाड़ियों में सोमवार सुबह 11 बजे एक नवजात मिला। तेज़ धूप में लेटे बच्चे का मुँह चींटियों से भरा हुआ था। चींटियाँ बच्चे की जीभ और होठों को काट रही थीं। इसी दौरान तीन दोस्त विक्की प्रजापत (17), संजय मीना (18) और अजीत बैरवा (17) बांदीकुई स्टेशन की ओर जा रहे थे। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर वे पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए। तभी उन्हें गांधी पार्क के गेट के पास झाड़ियों से एक नवजात के कराहने की आवाज सुनाई दी। जब तीनों झाड़ियों के पास पहुंचे तो बच्चे के शरीर को चींटियां काट रही थीं उसने बिना समय बर्बाद किये बच्चे को गोद में उठा लिया। रूमाल से उसका चेहरा और शरीर साफ किया। मुंह और होठों से चींटियां निकालीं और उसे बांदीकुई सरकारी अस्पताल ले गए। बांदीकुई अस्पताल के नर्सिंग ऑफिसर महेंद्र मीना ने कहा- जब लड़के नवजात को लेकर आए तब भी बच्चे के शरीर पर चींटियां चिपकी हुई थीं. बच्चा दर्द और भूख से तड़प रहा था. मेडिकल स्टाफ ने बच्चे के शरीर और मुंह से सारी चींटियां हटा दीं और बच्चे को पिलाने के लिए दूध मांगा. दूध पीने के बाद बच्चे ने रोना बंद कर दिया।
बांदीकुई अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सोनी ने कहा- झाड़ियों में मिला बच्चा करीब 7 दिन का है। यह एक बालक है। चींटियों के काटने से बच्चे के मुंह पर गहरा घाव हो गया है. शरीर पर भी कुछ जगह रगड़ के निशान हैं। फिलहाल बच्चे की हालत में सुधार नजर आ रहा है. इस मामले में बांदीकुई थाना प्रभारी ब्रिजेश कुमार ने कहा- हमें बच्चा मिलने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंचकर जगह देखी। तीनों लड़कों को साथ लिया और घटनास्थल का निरीक्षण किया. जांच की जा रही है. विक्की प्रजापत ने बताया- मैं अपने दोस्त संजय और अजीत के साथ स्कूल यूनिफॉर्म चेंज कराने के लिए रेलवे स्टेशन के पास मार्केट की ओर जा रहा था। रेलवे लाइन से थोड़ी दूर गांधी पार्क के गेट के पास किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो मुझे लगा कि पार्क के अंदर कोई बच्चा रो रहा है, आवाज लगातार आ रही थी, हमने खोजा तो आवाज कहां से आ रही थी झाड़ियां। बच्चा वहीं पड़ा हुआ था बच्चे की हालत देखकर हड़कंप मच गया, दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया. हमने इधर-उधर देखा और पार्क में मौजूद कुछ लोगों को घटना के बारे में बताया। उन्होंने बच्चे को वहीं रखने और पुलिस को बुलाने की सलाह दी।
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