नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा
हल्द्वानी। हल्द्वानी में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह रावत की अदालत ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने वाले दोषी को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पीड़िता को विधिक सेवा प्राधिकरण से चार लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है. आठवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म …
हल्द्वानी। हल्द्वानी में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह रावत की अदालत ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने वाले दोषी को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पीड़िता को विधिक सेवा प्राधिकरण से चार लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है. आठवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने 20 साल के कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। रेप का आरोपी नशे का आदी है. जब आरोपी ने दुष्कर्म किया तो उससे एक दिन पहले ही वह नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था. शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि यह मामला 9 नवंबर 2020 का है।
कक्षा आठ में पढ़ने वाली 13 वर्षीय नाबालिग लड़की जब साइकिल से अपने घर जा रही थी, तभी वेलेस्ले लॉज के रहने वाले अतुल नाथ गोस्वामी ने नाबालिग को रोका और जबरदस्ती उसे एक सुनसान जगह पर खींच लिया। जहां उसने लड़की के साथ मारपीट की और दुष्कर्म किया. संयोगवश इसी दौरान लड़की की बहन वहां से गुजर रही थी और जब उसकी नजर साइकिल पर पड़ी तो उसने शोर मचा दिया. आवाज सुनकर दुष्कर्मी भाग गया। जिसके बाद पीड़िता की मां ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हल्द्वानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया. इसी बीच संदिग्धों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने आरोपी की तस्वीर एक नाबालिग लड़की को दिखाई तो उसने उसे पहचान लिया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की.
रेप की घटना को अंजाम देने वाला आरोपी एक दिन पहले ही नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया था. यह आरोपी नशे का आदी है और नशा मुक्ति केंद्र से निकलने के बाद अगले दिन उसने रेप की वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी. शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि पूरे मामले में 9 गवाहों से परीक्षण कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने आरोपी अतुल नाथ गोस्वामी को दोषी पाया और 20 साल का कठोर कारावास और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया।