मेरठ। पुलिस अब बदमाशों को पकड़ने के लिये हाईटेक हो गई है। भले ही गांवों और मोहल्लों में पुलिस के मुखबिर कम होते जा रहे हैं लेकिन क्लोज सर्किट कैमरे अब पुलिस के लिये भरोसेमंद मुखबिर की तरह सामने आ गए हैं। जघन्य अपराध हो या फिर कोई अन्य घटनाएं सीसीटीवी कैमरे मददगार साबित हो रहे हैं। इन कैमरों के दम पर पुलिस ने उन फर्जी मामलों को भी बेनकाब किया, जिनके कारण माहौल खराब होने की स्थिति बन जाती थी। शनिवार को गोपाल दी हट्टी की लूट के खुलासे में इन कैमरों ने पुलिस के लिये सटीक मुखबिरी का रोल अदा किया था। बदमाशों ने शोरुम में लूट करने के बाद सोचा था कि डीबीआर और मोबाइल साथ ले जा रहे हैं सारे सबूत खत्म कर दिये हैं लेकिन बदमाशों का दिमाग उन सीसी कैमरों की तरफ नहीं गया जो कदम कदम पर पुलिस की मुखबिरी कर रहे थे। हाईटेक कैमरों ने दिखाया कि कैसे बदमाश लूट के बाद पैदल बेगमपुल की तरफ जा रहे हैं। इससे पहले किस तरह तिलक रोड पर खड़े होकर लूट होने का इंतजार कर रहे है।
पुलिस की दस टीमों ने शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से लेकर शनिवार दोपहर बारह बजे तक 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाल लिया था। किस तरह बदमाश मुजफ्फरनगर से इंटरसिटी ट्रेन से कैंट स्टेशन उतरे और ई-रिक्शा से बेगमपुल आए। सीसी कैमरों में कैद हो गया था। जैसे ही रोडवेज से बदमाश बस में बैठे और फिर ई-रिक्शा में बैठने लगे तभी पास के कैमरों ने इन बदमाशों को कैद कर लिया। यही नहीं बदमाशों की खतौली में भैंसी कट पर उतर कर शराब की दुकान में जाने और शराब लेकर अपने मोहल्ले में जाने की सारी गतिविधियां कैमरे में जब पुलिस को मिल गई तो पुलिस ने मुजफ्फरनगर पुलिस से संपर्क कर बदमाशों की सीडीआर के जरिये मिली लोकेशन के आधार पर गिरफ्तारी कर ली। एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि हर कैमरे की फुटेज को खंगाला चुनौती भरा और समय लेने वाला काम होता है। एक कैमरे में क्लू मिलने के बाद उसी सड़क के आगे के कैमरों को खंगालने से बदमाशों तक पहुंचने की लाइन मिल जाती है। 150 कैमरे खंगाल कर उसमें से 17 फुटेज काम की निकली और वहीं बदमाशों तक ले गई।