प्रदेश में गुजरे साल 13 फीसदी कम सडक़ हादसे

शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस लगातार राज्य में सडक़ सुरक्षा और सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कड़े प्रयासों के कारण, पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान सडक़ यातायात दुर्घटनाओं, मृत्यु और चोटों में काफी कमी देखी गई है। वर्ष 2022 में 2597 दुर्घटनाओं, 1032 मौतों और 4063 चोटों …

Update: 2024-01-09 03:57 GMT

शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस लगातार राज्य में सडक़ सुरक्षा और सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कड़े प्रयासों के कारण, पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान सडक़ यातायात दुर्घटनाओं, मृत्यु और चोटों में काफी कमी देखी गई है। वर्ष 2022 में 2597 दुर्घटनाओं, 1032 मौतों और 4063 चोटों की तुलना में 2023 में कुल 2255 दुर्घटनाएं, 882 मौतें और 3542 चोटें दर्ज की गईं। डीआईजी टीटीआर गुरदेव शर्मा ने बताया कि इन विभिन्न सडक़ सुरक्षा पहलों के कारण हम वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान राज्य में दुर्घटनाओं में 13 प्रतिशत, मृत्यु दर में 14 प्रतिशत और चोटों में 12 प्रतिशत की कमी लाने में सफल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस सडक़ यातायात दुर्घटनाओं को कम करने और सडक़ उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित सडक़ प्रदान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस जनता से सभी की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करने का आग्रह करती है।

डीआईजी टीटीआर गुरदेव शर्मा ने बताया कि समय से पहले लिए गए निर्णय के रूप में, राज्य सरकार ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए तीन यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशन को मंजूरी दे दी है। जिला बिलासपुर, मंडी और कुल्लू में एक-एक यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशन खोलने की मंजूरी दी है। हिमाचल पुलिस ने इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया है। राज्य के मुख्य सडक़ नेटवर्क पर यातायात प्रवाह और सडक़ सुरक्षा में सुधार के लिए, विश्व बैंक ने एचपीपीडब्ल्यूडी के साथ हिमाचल प्रदेश राज्य सडक़ परिवर्तन परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ 82 मिलियन डॉलर के वित्तपोषण समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। पिछले वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा विभिन्न सडक़ सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं, जैसे सडक़ दुर्घटना डेटाबेस का महत्वपूर्ण विश्लेषण, प्रवर्तन में प्रौद्योगिकी का उपयोग, यातायात की निगरानी और विनियमन के लिए नवीनतम उपकरणों की खरीद, दुर्घटना-संभावित ब्लैक स्पॉट/स्ट्रेच की पहचान और सुधार, क्रैश बैरियर्स का निर्माण और समुदाय और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता पैदा करने का कार्य किये जा रहे हैं। वहीं प्रदेश में 44 इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किए हैं।

वर्तमान में सडक़ सुरक्षा प्रवर्तन और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरणों की खरीद दो पायलट जिलों यानी शिमला और पुलिस जिला नूरपुर के लिए की जा रही है। इन जिलों के लिए 6 इंटरसेप्टर वाहन, 25 मोटरसाइकिल, 17 गश्ती वाहन, 6 रिकवरी वाहन, 120 एआई कैमरे आदि खरीदे जा रहे हैं। इस परियोजना के अगले चरण में दो और जिले यानी कांगड़ा और मंडी शामिल होंगे, इसके बाद चार अन्य प्रभावित जिले कुल्लू, सिरमौर, सोलन और ऊना शामिल होंगे।

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