बंगाल सरकार ने राज्य में जीआइ टैग के लिए उपयुक्त विशिष्ट चीजों की तलाश करने की पहल

इसके तहत जिला स्तरीय समितियां बनाई जाएंगी। इस बाबत पश्चिम बंगाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

Update: 2022-06-06 10:31 GMT

बंगाल सरकार ने राज्य में जीआइ टैग के लिए उपयुक्त विशिष्ट चीजों की तलाश करने की पहल की है। इसके तहत जिला स्तरीय समितियां बनाई जाएंगी। इस बाबत पश्चिम बंगाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक जिले में जिला अधिकारी के नेतृत्व में 21 सदस्यीय समिति होगी, जिसमें अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। संबंधित जिले की समिति के सदस्य अपने जिले में वैसी विशिष्ट चीजों की तलाश करेंगे जिसे जीआइ टैग मिलने की संभावना है।
सीएम ममता बनर्जी ने की पहल
बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि बंगाल के अलग-अलग जिलों में कई ऐसी चीजें हैं जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलती हैं। इन वस्तुओं को विश्व बाजार में बेचने के लिए उनकी जीआइ टैगिंग की व्यवस्था की जा सकती है। इससे राज्य में लघु और कुटीर उद्योगों से जुड़े लोगों को फायदा होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही जिला स्तरीय समितियां बनाने का फैसला किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बांकुड़ा में हुई प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से जानना चाहा था कि क्या डोकरा कला की जीआइ टैगिंग की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि किया जा चुका है। तब ममता बनर्जी ने राज्य की विशिष्ट चीजों की जीआइ टैगिंग कराने की पहल की थी।
रसगुल्‍ले को लेकर हुई थी लंबी लड़ाई , इन्‍हें मिला जीआइ टैग
गौरतलब है कि रसगुल्ले पर अधिकार को लेकर बंगाल और ओडिशा के बीच लंबी लड़ाई हुई थी। अंत में बंगाल की जीत हुई। बंगाल को रसगुल्ले की जीआइ टैगिंग मिली है। मालदा के आम को भी जीआइ टैगिंग मिली है। मालदा के मैंगो मर्चेंट्स एसोसिएशन ने हाल ही में मालदा में रसकदंब की जीआइ टैगिंग के लिए आवेदन किया है। राज्य में अब तक जिन वस्तुओं को जीआइ टैगिंग मिली है, उनमें दार्जिलिंग की चाय, लक्ष्मनभोग, हिमसागर, फजली आम, शांतिपुर की साड़ी, जयनगर का मोया, बांकुड़ा की टेराकोटा और डोकरा कला, रसगुल्ला आदि शामिल हैं।


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