प्रदेश में मंगलवार देर रात हुई बारिश के बाद मलबा आने से तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित दो सौ सड़कें बंद हो गई। भारी बारिश को देखते हुए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में 24 घंटे में भारी बारिश के आसार है। भारी बारिश को देखते हुए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।
बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। वहीं, देहरादून में कुछ इलाकों में तेज गर्जना संग तेज बौछार पड़ने की संभावना है। उधर, बुधवार को दून के करनपुर क्षेत्र में जहां 57.5 मिमी बारिश हुई, वहीं, पौड़ी जिले के नीलकंठ महादेव इलाके 62 मिमी, नरेंद्रनगर में 60.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।
तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित दो सौ सड़कें बंद
प्रदेश में मंगलवार देर रात हुई बारिश के बाद मलबा आने से तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित दो सौ सड़कें बंद हो गई। बदरीनाथ नेशनल हाईवे नंदप्रयाग- मैठाणा के बीच पुरसाड़ी पुलिया के पास करीब 30 मीटर हिस्सा ढह गया। इससे मार्ग में फंसे कई यात्रियों को सड़क पर रात गुजारनी पड़ी। चमोली जिले में ज्यादा नुकसान की खबरें हैं।
लोनिवि की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में कुल 200 सड़कें बंद हैं। इनमें तीन नेशनल हाईवे, 14 स्टेट हाईवे, तीन मुख्य जिला मार्ग, 11 अन्य जिला मार्ग, 61 ग्रामीण सड़कें और 108 पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को 42 सड़कों को खोलकर यातायात सुचारू करा दिया गया था। हालांकि इस दौरान बीच-बीच में हो रही बारिश से सड़कों को खोलने के काम में बाधा आई। वहीं, कई स्थानों पर लगातार मलबा आने से दिनभर इसे हटाने की कार्रवाई जारी रही। 111 सड़कें पहले दिन से बंद थीं तो मंगलवार को 89 सड़कें और बंद हो गईं। सड़कों को खोलने के काम में 259 जेसीबी मशीनों का सहारा लिया गया। इसके अलावा कुछ इलाकों में बिजली-पानी की लाइनों को भी नुकसान पहुंचने की खबर है। बंद सड़कों को खोलने के साथ जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा है।
ऑलवेदर रोड का हिस्सा ढहने से निर्माण की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
चमोली जिले में ऑलवेदर रोड के तहत बदरीनाथ नेशनल हाईवे नंदप्रयाग- मैठाणा के बीच पुरसाड़ी पुलिया के पास करीब 30 मीटर भरभरा कर ढह गया। इसे लेकर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं है। एनएचएआई के एक उच्च अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ऑल वेदर रोड का निर्माण हाल ही में हुआ है। कुछ हिस्सों में अभी काम चल भी रहा है। पहाड़ कच्चे हैं, इसलिए बरसात में इस तरह की दूसरी घटनाएं भी हो सकती हैं। सड़क का 30 मीटर हिस्सा कैसे ढहा, बिना जांच के अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
झमाझम बारिश होने से राजधानी की सड़कें बनी तालाब, मोहल्लों में भरा पानी
राजधानी दून में बुधवार को आसमान से आफत बरसी। ज्यादातर इलाकों में मूसलाधार बारिश से चारों ओर सड़कों और मोहल्लों में पानी भर गया, जिससे बाशिंदों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। बारिश से आमवाला तरला में रपटा भी उफना गया। बारिश से बसंत विहार, जाखन, रेलवे स्टेशन रोड, दून विहार कालोनी में भरकम पेड़ टूटकर दो और चार पहिया गाड़ियों पर गिरने के साथ ही सड़कों पर गिरे, जिससे हादसा बच गया।
सूचना पर पहुंचे अग्निशमन कर्मियों ने पेड़ों को काटकर वाहन निकाले। पेड़ों के सड़कों पर टूटकर गिरने से यातायात भी बाधित हो गया। उधर, मूसलाधार बारिश के चलते सड़कों और चौराहों पर ऐसा पानी जमा हो गया, जैसे कोई तालाब उफनाया हो। जलभराव से शहरियों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। बारिश से अधिकतर चौराहों पर लगे जाम को खत्म कराने के लिए पुलिसकर्मियों को भी मशक्कत करनी पड़ी। बारिश से मोहकमपुर, करनपुर, नेहरू कालोनी, सहस्रधारा रोड, महाराजा अग्रसेन चौक, सहारनपुर चौक, जाखन, घंटाघर, राजपुर रोड, लालपुल, किशननगर, राजेंद्रनगर, चकराता रोड, इंदर रोड, दिलाराम चौक, बहल चौक, सर्वे चौक, डालनवाला, इंदिरानगर, बसंत विहार समेत ज्यादातर इलाकों में लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।
बारिश का पानी लोगों के घरों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में घुसने से लाखों का नुकसान हो गया। घरों में पानी दाखिल होने से जहां लोग बाल्टियों से पानी निकालते नजर आए, वही व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पानी घुसने से व्यापारियों का नुकसान हो गया। उधर, मौसम विज्ञानियों ने 24 घंटे में राजधानी व आसपास के इलाकों में तेज गर्जना के साथ बारिश की संभावना जताई है। वहीं, डीएम डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अफसराें को सख्त हिदायत दी कि 24 घंटे हाई अलर्ट पर रहे। मूसलाधार बारिश के चलते कहीं से भी किसी भी प्रकार की आपदा की जानकारी मिलती है, तो एसडीएम के अलावा आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और राहत अभियान चलाएं।
डीएम ने कहा कि यदि किसी भी इलाके में आपदा की जानकारी मिलती है तो तत्काल आपदा कंट्रोल रूम को दें, ताकि समय रहते एहतियाती कदम उठाए जा सकें। डीएम का कहना है कि यदि आपदा प्रबंधन में किसी भी स्तर पर लापरवाही मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी
ट्रांसफार्मर फुंकने और जंफर उड़ने से बिजली गुल
मूसलाधार बारिश के चलते जहां सड़कों, चौराहों पर जलभराव होने से जहां शहरियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। वहीं, कई जगहों पर ट्रांसफार्मर फुंकने और जंफर उड़ने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। बारिश रुकने के बाद यूपीसीएल इंजीनियरों की अगुवाई में कर्मियों ने मोर्चा संभाला और फुंके ट्रांसफार्मरों को बदलने के साथ जंफरों को ठीक कर आपूर्ति बहाल की।
करनपुर क्षेत्र में आधे घंटे में 57.5 मिमी बारिश
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, बुधवार को दून के करनपुर इलाके में आधे घंटे में 57.5 मिमी बारिश हुई जो काफी बड़ा आंकड़ा है। बताया कि बादल फटने की स्थिति में एक घंटे के भीतर सौ मिमी बारिश होती है। ऐसे में इसे बादल फटना तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिलहाल काफी जोरदार बारिश हुई। करनपुर के अलावा सहस्रधारा इलाके में 38 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।