अभी तक नजीबाबाद से अफजलगढ़ की दूरी 69 किमी है। लेकिन यह मार्ग नगीना-धामपुर-शेरकोट-भूतपुरी जैसे छोटे-छोटे कस्बों से होकर गुजरता है। यातायात का दबाव अधिक होने के कारण बहुत अधिक समय लग जाता है।
केंद्र ने 42.30 किलोमीटर के नजीबाबाद-अफजलगढ़ फोरलेन बाईपास को मंजूरी दे दी है। इसे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के रूप में विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेसवे बन जाने से गढ़वाल-कुमाऊं की दूरी एक घंटा कम हो जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से 799.66 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
अभी तक नजीबाबाद से अफजलगढ़ की दूरी 69 किमी है। लेकिन यह मार्ग नगीना-धामपुर-शेरकोट-भूतपुरी जैसे छोटे-छोटे कस्बों से होकर गुजरता है। यातायात का दबाव अधिक होने के कारण बहुत अधिक समय लग जाता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए नए बाईपास की परिकल्पना की गई थी।
बाईपास बनने से अब यह दूरी मात्र 42.30 किमी रह जाएगी, जो कुछ ही मिनटों में तय हो जाएगी। देहरादून, हरिद्वार से जसपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, नैनीताल जाने वाले लोगों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण उत्तर प्रदेश की सीमा में होना है। ऐसे में जमीन अधिग्रहण और दूसरी तमाम औपचारिकताओं से भी प्रदेश सरकार को दो-चार नहीं होना पड़ेगा।
नजीबाबाद-अफजलगढ़ फोरलेन बाईपास की केंद्र के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। योजना पर लोनिवि कार्य करेगा। इस फोरलेन एक्सप्रेसवे को ग्रीन फील्ड के तौर पर विकसित किया जाएगा। इससे गढ़वाल-कुमाऊं के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी।