रूड़की से 14 घंटे बाद दिल्ली पहुंची बस, ये है रोडवेज का मैनेजमेंट सिस्टम?

कांवड़ यात्रा

Update: 2022-07-25 16:33 GMT
रुड़की: कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन ने तमाम बड़े दावे किए थे। रूट डायवर्जन प्लान भी लागू किया था, कहा था कि यात्रा के दौरान अन्य यात्रियों को आवाजाही में कोई परेशानी होगी।लेकिन प्रशासन और रोडवेज के इन दावों की हकीकत गुरुवार को तब सामने आ गई, जब रुड़की से दिल्ली जाने के लिए निकली बस साढ़े 14 घंटे बाद जैसे-तैसे दिल्ली पहुंच सकी। कांवड़ यात्रा,रूट डायवर्जन के साथ ही रोडवेज का खराब प्रबंधन दिल्ली जाने वाले यात्रियों पर भारी पड़ रहा है। दिल्ली जाने वाली बस कभी सहारनपुर से करनाल भेजी जा रही है तो कभी बस पांवटा साहिब से होते हुए दिल्ली जा रही है। रोडवेज की बसों के लिए कोई निर्धारित रूट ही नहीं है। गुरुवार को भी यही हुआ। एक बस सुबह सात बजे दिल्ली के लिए चली, लेकिन मंगलौर पुलिस ने उसे दिल्ली नहीं जाने दिया। आगे पढ़िए
बस को झबरेड़ा होते हुए सहारनपुर की सीमा में दाखिल कर दिया गया। सहारनपुर से उसे हरियाणा की सीमा की तरफ मोड़ दिया गया। शाम सात बजे बस करनाल पहुंच सकी। जहां से बस को दिल्ली पहुंचते-पहुंचते साढ़े नौ बज गए। इस 53 सीटर बस में 13 यात्री सवार थे। इसी तरह से कई बसों को देहरादून से पांवटा साहिब के रास्ते होते हुए दिल्ली भेजा जा रहा है। हालांकि रुड़की से वर्तमान में देहरादून, हरिद्वार एवं सहारनपुर के लिए सीधे बसों का संचालन हो रहा है। रुड़की डिपो के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी विवेक कपूर ने कहा कि बसों के लिए कोई रूट निर्धारित न होने के कारण बस को दिल्ली पहुंचने में देरी हुई। कांवड़ यात्रा की वजह से यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है।

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