उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से होने वाले जनहानि व नुकसान पर अब सरकार मुआवजा राशि बढ़ाने जा रही है। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर अनौपचारिक चर्चा की गई।
कैबिनेट में 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। सीएम धामी ने राज्य में आई आपदा और उससे बचाव के लिए किए जा रहे राहत बचाव कार्यों की समीक्षा भी की। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग को राज्य में आपदा की वजह से होने वाले अलग -अलग तरह के नुकसान के बदले लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा गया है, जल्द इस फैसला लिया जाएगा।
विदित है कि उत्तराखंड में हर मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं होती है। इससे जनहानि के साथ ही संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचता है। देहरादून जिले में विगत दिवस को भारी बारिश के कारण सरखेत, मालदेवता में आई आपदा से जनहानि एवं पशुहानि सहित कई भवन क्षतिग्रस्त हुए। आपदा के पाचंवे दिन सरखेत में सर्च ऑपरेशन टीम को तीन 3 शव बरामद हुए।
जिनकी पहचान राजेन्द्र पुत्र रंणजीत निवासी जैंदवाड़ी टिहरी गढ़वाल, सुरेन्द्र पुत्र बीर सिंह ग्राम निवासी चिपल्डी जैंदवाड़ी तथा विशाल पुत्र रमेश निवासी भैंसवाड़ा के रूप में पहचान की गई है। बताया कि शवों का पोस्टमाटर्म मौके पर करते हुए शव को परिजनों के सुपूर्द किया गया। लापता हुए लोगों के परिजनों से भी पूर्ण जानकारी लेते हुए उनके बताए गए संभावित स्थानों पर खोजबीन की जा रही है। एसडीआरएफ टीमों द्वारा सर्च ऑपरेशन जारी है।
आपदा में मृत्यु पर 4 लाख मिलता है मुआवजा
राज्य में अभी केंद्रीय मानकों के तहत आपदा की घटना में किसी व्यक्ति की मौत पर चार लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। 60 प्रतिशत तक अपंगता होने पर दो लाख रुपये प्रति व्यक्ति, आपदा में घायल होने पर 57100 रुपये, आपदा में घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने पर पर्वतीय क्षेत्रों में एक लाख 1 हजार 9 सौ रुपये जबकि मैदानी क्षेत्रों में भवन क्षतिग्रस्त होने पर 95 हजार की राशि प्रति भवन दी जाती है।