विशेष राज्य का दर्जा और औद्योगिक पैकज

Update: 2022-08-16 09:25 GMT

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

मार्च 2002 में स्व. वाजपेयी जब नैनीताल दौरे पर आए थे तब उत्तराखंड राज्य को विशेष औद्योगिक पैकेज देने की घोषणा की थी। इसके बाद वर्ष 2003 से उत्तराखंड में विशेष पैकेज को लागू किया गया।

राजनीति के पुरोधा रहे भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड के साथ गहरा लगाव था। उत्तराखंड को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में लाने में अटल बिहारी वाजपेयी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने ही उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया था। उनके इस योगदान को कोई भी उत्तराखंड का निवासी भुला नहीं सकता। वाजपेयी सरकार में ही उत्तराखंड देश का 27वां राज्य बना। इसके साथ ही उन्होंने राज्य को औद्योगिक पैकेज की सौगात भी दी थी।

मार्च 2002 में स्व. वाजपेयी जब नैनीताल दौरे पर आए थे तब उत्तराखंड राज्य को विशेष औद्योगिक पैकेज देने की घोषणा की थी। इसके बाद वर्ष 2003 से उत्तराखंड में विशेष पैकेज को लागू किया गया। जानकारी के अनुसार, राज्य गठन से पहले उत्तराखंड में कुल 14203 बड़े व छोटे उद्योग स्थापित थे। जिसमें लगभग नौ हजार करोड़ का पूंजी निवेश था। उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा देने के साथ ही अटल जी ने पर्वतीय राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया।

उत्तराखंड को 10 साल के लिए दिए गए औद्योगिक पैकेज में निवेश करने पर उद्यमियों को एक्साइज ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट के साथ पांच साल तक आयकर में छूट आदि तमाम सुविधाएं दी गईं। जिस कारण उद्योगपति करोड़ों का निवेश करने के लिए आगे आए। राज्य के अस्तित्व में आने से पहले जहां सिर्फ एक ही बड़ा उद्योग स्थापित था। वहीं इस पैकेज के बाद बड़े उद्योगों में करोड़ों का पूंजी निवेश किया गया।

आंदोलनकारियों को दिया था भरोसा

अलग राज्य की मांग को लेकर जब उत्तराखंड(तब उत्तर प्रदेश) में आंदोलन चल रहा था उस वक्त अटल बिहारी वाजपोयी देहरादून आए थे। उस दौरान कई आंदोलनकारियों ने उसने मुलाकात कर अलग राज्य की मांग की। तब उन्होंने आंदोलनकारियों को जल्द ही इस पर फैसला लेने का भरोसा दिलाया था। वहीं , उनका भरोसा कायम रखते हुए साल 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ।

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