समय से एंबुलेंस न मिलने पर गर्भवती की मौत

19 माह और 9 गर्भवती मौत। यह आंकड़ा है सीमांत ज़िले में प्रसूताओं के इलाज की स्थिति का. ज़िले की अधिकांश गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए आज भी देहरादून जैसे बड़े शहरों का रुख करना होता है

Update: 2022-08-04 11:56 GMT

19 माह और 9 गर्भवती मौत। यह आंकड़ा है सीमांत ज़िले में प्रसूताओं के इलाज की स्थिति का. ज़िले की अधिकांश गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए आज भी देहरादून जैसे बड़े शहरों का रुख करना होता है और स्वास्थ्य विभाग एक के बाद एक हो रहे हादसों के बावजूद चेता नहीं है. हाल में पुरोला में एक गर्भवती को समय पर इलाज न मिलने से हुई मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले में राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने जिलाधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

हालात ये हैं कि ज़िले में महिला रोग विशेषज्ञ के 7 पद स्वीकृत हैं लेकिन तैनाती सिर्फ 2 ही पदों पर हैं. एक जिला चिकित्सालय व एक सीएचसी पुरोला में. जनपद में सीजेरियन यानी ऑपरेशन से प्रसव की सुविधा केवल जिला चिकित्सालय में ही है. शेष जनपद के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर यह व्यवस्था नहीं है. इन्हीं बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने मंगलवार को एक गर्भवती की जान ले ली. मृतका के परिजनों ने चिकित्सकों पर गंभीर आरोप लगाकर कहा 108 सेवा का इंतजार किया गया, लेकिन एंबुलेंस समय पर न पहुंच पाने के कारण ललिता को हायर सेंटर ले जाने में देरी हुई.
हायर सेंटर के लिए नहीं मिली एंबुलेंस
विकासखंड नौगांव के सरनौल गांव की गर्भवती ललिता को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी पुरोला से हायर सेंटर रेफर किया गया था, लेकिन हायर सेंटर पहुंचने से पहले उसकी तबीयत बिगड़ी. परिजन उसे सीएचसी नौगांव ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने गर्भवती को हायर सेंटर ले जाने के लिए 108 सेवा को कॉल किया, लेकिन जब तक एंबुलेंस आती गर्भवती ने दम तोड़ दिया. डाॅक्टरों ने बताया कि गर्भ में पल रहा नवजात पहले ही दम तोड़ चुका था.
एसीएमओ डाॅ. आरसी आर्य ने बताया कि ललिता का करीब डेढ़ साल पहले ऑपरेशन से बच्चा हुआ था. इतनी जल्दी दूसरा बच्चा होना जोखिम भरा होता है, जिसको देखते हुए गर्भवती को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई थी. उन्होंने गर्भवती के समय पर सेंटर नहीं पहुंच पाने को मौत का कारण बताया.
एक सप्ताह में यह दूसरी घटना
स्वास्थ्य सुविधाओं में अभाव में गर्भवती व नवजात की जान जाने की यह दूसरी घटना है. बीते गुरुवार को पुरोला के खलाड़ी गांव की एक प्रसव पीड़िता काजल को सीएचसी पुरोला में लाया गया था, जहां पीड़िता की सामान्य प्रसव में अचानक अधिक रक्तस्राव पर उसे देहरादून रेफर किया गया. एक निजी केयर सेंटर में नवजात की मौत हो गई जबकि प्रसूता का उपचार चल रहा है.


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