उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के बावजूद स्कूलों में कोविड मानकों का पालन नहीं हो रहा। अधिकांश स्कूलों में न तो सेनेटाइजेशन किया जा रहा है और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन। हालत यह है कि स्कूलों में अधिकांश बच्चे, शिक्षक और अभिभावक मास्क भी नहीं पहन रहे। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। पेश है हिन्दुस्तान की रिपोर्ट:
देहरादून: स्कूलों में नहीं पहुंची गाइडलाइनराजधानी देहरादून एक बार फिर कोरोना हॉट स्पॉट के रूप में उभर रही है। राज्य में सबसे अधिक संक्रमण के मामले यहीं मिल रहे हैं। इसके बावजूद सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में भी कोविड गाइडलाइन नहीं पहुंची है। इस वजह से स्कूलों का संचालन बिना कोविड मानकों के ही किया जा रहा है।
हालत यह है कि कुछ सरकारी स्कूलों में सप्ताह में एक बार सेनेटाइजेशन किया जा रहा है जबकि अन्य स्कूलों में इसकी व्यवस्था ही नहीं है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का भी कहीं पालन नहीं हो रहा। बच्चे पुरानी व्यवस्था के अनुसार फुल कैपेसिटी में बैठ रहे हैं और स्कूलों में जबरदस्त भीड़भाड़ है।
हरिद्वार: सेनेटाइजेश्ंान के लिए नहीं मिला बजटहरिद्वार जिले के सरकारी स्कूलों में सेनेटाजेशन बंद हो गया है। इसकी वजह यह है कि स्कूलों को इसके लिए कोई बजट नहीं मिल रहा। इसके अलावा स्कूलों में कोविड मानकों का भी पालन नहीं हो रहा है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर एक के प्रधानाचार्य विकास चौहान एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंम्बर दो की प्रधानाध्यापिका गीता चौहान, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बहादराबाद की प्रधानाध्यापिका विशमलता चौहान का कहना है कि जिले में अभी कोरोना का कोई मामला नहीं है। कोरोना को लेकर इस संदर्भ में कोई गाइडलाइन स्कूलों के लिए नहीं आई है।
उत्तरकाशी: बिना मास्क स्कूल आ रहे बच्चे उत्तरकाशी जिले के अधिकांश सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कोविड मानकों का पालन नहीं हो रहा है। स्कूलों में सेनेटाइजेशन नहीं हो रहा है जबकि सोशल डिस्टेसिंग और मास्क आदि के मानकों का पालन भी नहीं हो रहा है। इससे बच्चों के साथ ही अन्य लोगों में भी कोविड संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि केंद्रीय विद्यालय और कुछ अन्य स्कूलों में मानकों के पालन का प्रयास भी किया जा रहा है।
पौड़ी: आदेश का इंतजार कर रहे अफसरपौड़ी जिले के अधिकांश सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों में कोविड मानकों का पालन करने के लिए अभी तक उच्च स्तर से कोई आदेश नहीं आए हैं। ऐसे में अब बच्चों के सामने सेहत का संकट खड़ा हो गया है। राइंका बग्याली के प्रधानाचार्य विनोद रावत ने बताया कि स्कूलों में मानकों का पालन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
टिहरी: महीने भर बाद भी सेनेटाइजेशन नहीं टिहरी जिले के स्कूलों में सेनेटाइजेशन को लेकर भारी लापरवाही देखी जा रही। कई स्कूलों में एक-एक महीने बीतने के बाद भी सेनेटाइजेशन नहीं किया गया है। इसके अलावा स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो पा रहा है। स्कूलों में 10 प्रतिशत से भी कम छात्र और शिक्षक मास्क पहने हुए दिखाई दिए। सीएमओ डॉ संजय जैन का कहना है कि कोरोना को लेकर सुरक्षा उपायों को अपनाने को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।
यूएसनगर:हिदायत के बाद भी सावधानी नहीं यूएस नगर जिले में करीब 1200 से अधिक हैं लेकिन कहीं भी कोविड मानकों का पालन नहीं हो रहा। सीईओ आरसी आर्या ने बताया कि सभी स्कूलों को कोविड गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया है। लेकिन इसके बाद भी स्कूलों में सावधानी नहीं बरती जा रही है। सीएमओ डॉ सुनीता चुफाल ने बताया कि स्कूलों को मास्क, सेनेटाइजेशन व अन्य नियमों का पालन करने को कहा गया है। हालांकि इसके बाद भी सावधानी नहीं बरती जा रही।
नैनीताल:मानकों के पालन में पीछे स्कूलकोरोना संक्रमण में लगातार इजाफे के बाद भी नैनीताल और हल्द्वानी में कोई सावधानी नहीं बरती जा रही है। राज्य में देहरादून के बाद सबसे अधिक संक्रमण दर नैनीताल में है, लेकिन इसका स्कूलों पर कोई प्रभाव नहीं है। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के स्कूल कोविड के अधिकांश मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी हरेंद्र मिश्रा ने बताया कि सभी स्कूलों को कोरोना प्रोटोकॉल लागू करने को कहा गया है।