जेलर समेत हर कोई हैरान, हाई सिक्योरिटी जेल में कैदियों ने ऐसे छिपाए 60 Mobile और ये तामझाम
उत्तराखंड की कई हाई सेक्योरिटी जेल में भी कैदी खेल कर मोबाईल, चार्जर, बैटरी से लेकर कई अवैध हथियार भी बैरक तक ले जा रहे हैं। इसके साथ ही जेल से ही लोगों को टपका डालने तक की धमकी दे रहे हैं। ऐसी ही खबर सितारगंज सेंट्रल जेल से एक बार फिर सामने आ आई है (Uttarakhand Crime News)।
इस जेल में कल देर रात औचक निरीक्षण के दौरान जेलर और उनकी टीम ने बैरक के पास मिट्टी दबाए हुए 60 से अधिक फोन, चार्जर और बैटरियां बरामद की हैं। कुछ दिन पहले ही इसी जेल से यूपी के एक कैदी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के वकील को ही धमकी दी थी (Uttarakhand Crime News)।
Uttarakhand Crime News: इसके बाद जांच की गई तो जेल से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। वहीं, कल देर रात सामने आए मामले में जेल अधीक्षक ने सितारगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर मामले की अपने स्तर से भी जांच शुरू कर दी है। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि अगर इन मोबाइल में लगे सिम से किसी तरह की वारदात हुई तो उसकी भी जांच की जाय। जेल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं है। सितारगंज थाना पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। आज पुलिस की टीम ने इस जेल का निरीक्षण भी किया।
सेंट्रल जेल सितारगंज में कुछ दिन पहले मिले थे 3 मोबाइल
Uttarakhand Crime News: दरअसल, सेंट्रल जेल सितारगंज में कुछ दिन पहले 3 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। वहीं, कल देर रात औचक निरीक्षण में जेल अधीक्षक और उनकी टीम ने सेंट्रल जेल सितारगंज बैरक के पास में दबाए हुए 60 मोबाइल फोन, चार्जर और बैटरियां मिली तो सभी हैरार रह गए। सेंट्रल जेल सितारगंज के अधीक्षक ने इसे गंभीर विषय बताते हुए जांच करने के साथ ही मामले की रिपोर्ट सितारगंज कोतवाली में दर्ज करवाई है। उन्होंने कोतवाली में इन मोबाइलों के माध्यम से किसी तरह का अपराध होने की आशंका भी जताई है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 कर जांच शुरू कर दी है।
चम्मच के चाकू, पेनड्राइव की कैंची बना डाली
कुछ दिन पहले ही तीन कैदियों को चम्मच के चाकू, पेनड्राइव की कैंची आदि अवैध तरीके से बनाए गए हथियार बरामद किए थे। इसके साथ ही सेंट्रल जेल सितारगंज में सजा काट रहे ग्राम शौकत नगर थाना न्यूरिया पीलीभीत उत्तर प्रदेश के कैदी को जेल के अंदर से ही हाईकोर्ट के अधिवक्ता को फोन कर जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद मामला सामने आने के बाद पुलिस और जेल के अधिकारियों ने सेंट्रल जेल में छापा मारा तो 3 फोन बरामद हुए थे।
जेल में फोन पर किसी भी तरह की बात करने की इजाजत नहीं है। ऐसे में अपराधी जेल में भी शातिर तरीके से मोबाइल फोन ले गए। जेल कर्मियों की भूमिका पर भी इससे बड़ा सवाल उठ रहा है। आखिर कैदियों ने किस तरह जमीन में गड्ढा बनाकर इतने सारे मोबाइल छुपाए?
कल देर रात करीब 11ः00 बजे जेल अधीक्षक अनुराग मलिक और उनकी टीम ने मिलकर अचानक सेंट्रल जेल सितारगंज के कैदियों के बैरक की जांच की। जेल के अंदर ही कैदियों के बैरक के पास मैदान में खुदाई की तो वहां से करीब 60 मोबाइल, चार्जर और कुछ बैटरियां मिली। अब देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है। हालांकि जेल के अंदर बिना कर्मचारियों की मिलीभगत के कोई भी मोबाइल फोन, बैटरी, हथियार या सामान कैसे पहुंचा? यह काफी गंभीर और जांच का विषय है।