दून मेडिकल कॉलेज की सुस्ती, अब्ब तक जनता से दूर टेलीमेडिसिन व्यवस्था
दून मेडिकल कॉलेज की सुस्ती
देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज (Doon Medical College Telemedicine) की सुस्ती के चलते यह व्यवस्था 1 साल पहले लागू करने के दावों के बावजूद अब तक नहीं हो पाई. वहीं एक बार फिर दून मेडिकल कॉलेज फिर से टेलीमेडिसिन की सुविधा लोगों को देने का दावा कर रहा है.
कोरोनाकाल में टेलीमेडिसिन के जरिए घर बैठे ही लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा किया गया था. दून मेडिकल कॉलेज की तरफ से भी इसके लिए व्यवस्थाएं बनाने की बात कही गई थी. इसके लिए बकायदा 104 नंबर के साथ ही व्हाट्सएप नंबर भी दिया गया था. यही नहीं दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए ईसंजीवनी ऐप के माध्यम से लोगों के साथ चिकित्सकों के जुड़ने की बात कही गई थी. हालांकि इस पर कुछ काम भी हुआ और कुछ मरीजों को लाभ भी पहुंचा था.
लेकिन इसके बाद दून मेडिकल कॉलेज के स्तर पर चिकित्सकों का टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को लाभ देने का सिलसिला थमता हुआ दिखाई दिया. उधर अब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष फिर से टेलीमेडिसिन सुविधा को शुरू करने का दावा कर रहे हैं. इसके लिए एक वरिष्ठ चिकित्सक को नोडल अधिकारी बनाने की बात कही जा रही है. लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार दून मेडिकल कॉलेज को तकनीक के इस युग में इतनी देरी से टेलीमेडिसिन जैसी सुविधा की याद क्यों आ रही है.
जाहिर है कि जिस व्यवस्था को काफी पहले ही बनाया जा सकता था, उस पर दून मेडिकल कॉलेज अब तक सफल प्रयास करने में असफल रहा है. उधर मेडिकल कॉलेज (Principal of Doon Medical College) के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना केवल बयानी दावों के जरिए टेलीमेडिसिन का लाभ जनता तक पहुंचाने की बात कह रहे हैं. इसे कॉलेज की सुस्त रफ्तार ही कहेंगे कि टेलीमेडिसिन को लेकर संबंधित अधिकारी अब जाकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. इस मामले पर डॉ. आशुतोष सयाना से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.