उत्तराखंड | खतरनाक ड्राइविंग कर खुद के साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डालने वाले वाहनों के ड्राइवरों के चालान पुलिस ऑनलाइन कैमरों की मदद से कर रही है. लेकिन 81 फीसदी वाहन स्वामी ऑनलाइन चालान जमा नहीं कर रहे हैं. इसमें कुछ ऐसे वाहन भी हैं, जिनके तीन साल के भीतर ओवर स्पीड और रेड लाइट जंप में 40 से ज्यादा बार चालान हो चुके हैं, लेकिन वाहन स्वामियों ने एक बार भी चालान जमा नहीं किया.
सड़क हादसे हर साल बढ़ रहे हैं, इनमें मृतकों के साथ घायलों की संख्या भी बढ़ रही है. सबसे ज्यादा हादसे ओवर स्पीड से हो रहे हैं. ओवर स्पीड वाहनों पर नजर रखने के लिए शहर के आउटर में एसवीडीएस कैमरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही शहर के चौराहों पर 105 आरएलवीडी कैमरे लगाए हैं, जो रेड लाइट जंप करने वाले वाहनों पर नजर रख रहे हैं. इन कैमरों की मदद से पुलिस इस साल जनवरी से सितंबर महीने में 72 हजार 654 वाहनों के चालान कर चुकी है. लेकिन इसमें चालान का भुगतान सिर्फ 13 हजार 818 वाहन स्वामियों ने ही किया है. बाकी वाहन नियम तोड़ने के बाद भी सड़क पर दौड़ रहे हैं.
50 वाहनों के बीस से ज्यादा चालान पुलिस ने पिछले तीन में हुए चालान की समीक्षा भी है. इसमें 50 वाहन ऐसे मिले हैं, जिनके ओवर स्पीड और रेड लाइट जंप में 40 से ज्यादा चालान हो रखे हैं, लेकिन वाहन स्वामियों ने चालान एक बार जमा नहीं किया.
जमा करवाया जा रहा चालान
बीस से ज्यादा चालान वाले वाहनों के मालिकों को पुलिस ऑफिस से फोन किया किया जा रहा है. अब तक दस वाहन स्वामी चालान का भुगतान कर चुके हैं. कुछ ने वाहन रजिस्ट्रेशन के दौरान जो नंबर दिया है, वह बंद है, ऐसे वाहन चालकों की सूचना पुलिस आरटीओ को भेजने की तैयारी कर रही है, उनके पते का सत्यापन करवाया जाएगा. इसके साथ ही जो पता उन्होंने रजिस्ट्रेशन में दे रखा है, उस पर थाने से नोटिस भेजा रहा है.
कैसे पता करें गाड़ी का चालान तो नहीं हुआ
ऑनलाइन चालान का पता आपको तभी चलेगा, जब आपका वह मोबाइल नंबर चालू होगा, जो वाहन रजिस्ट्रेशन के दौरान दिया है, इसी नंबर पर मैसेज आता है, यदि आपको नंबर चालू नहीं है तो आप स्मार्ट सिटी के ‘दून वन’ ऐप डाउनलोड कर चालान की जानकारी ले सकते हैं.
ओवरस्पीड और रेड लाइट जंप करने वाले वाहनों के ऑनलाइन कैमरों की मदद से चालान किए जा रहे हैं. समीक्षा करने पर कुछ वाहन ऐसे मिले हैं, जिनके तीन साल के भीतर बीस से अधिक चालान भी हुए हैं, उनको फोन कर चालान जमा करवाया जा रहा है. थानों के माध्यम से नोटिस भी भेजा जा रहा है. -अनुज आर्य, सीओ, ट्रैफिक, देहरादून