बदरीनाथ और सोनप्रयाग सहित इन जगहों पर फंसे 6500 यात्री
इन जगहों पर फंसे 6500 यात्री
प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। खराब मौसम से चारधाम यात्रा में भी खलल पड़ रहा है। रविवार सुबह बदरीनाथ हाईवे भारी बारिश से खचड़ा नाला में बंद हो गया। जिस कारण करीब 4000 यात्री जोशीमठ, गोविंदघाट, पांडुकेश्वर और 2500 यात्री बदरीनाथ में रोके गए हैं।
उधर, सोनप्रयाग से सुबह आठ बजे तक सौ यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए, लेकिन फिर बारिश के कारण यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया है। वहीं जोशीमठ में फूलों की घाटी में शुक्रवार रात को भारी बारिश के चलते जगह-जगह पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। शनिवार को नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन की ओर से किसी भी पर्यटक को घाटी में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने दून समेत प्रदेश के पांच जिलों में आज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुुताबिक, रविवार को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं तेज बौछार के साथ बारिश की संभावना है। इसी तरह मैदान से लेकर पर्वतीय जिलों में कई स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी।
बदरीनाथ हाईवे
फूलों की घाटी मुख्य पड़ाव घांघरिया से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शुक्रवार रात को हुई तेज बारिश से फूलों की घाटी का पैदल ट्रैक द्वारिपेरा और ग्लेशियर प्वाइंट के पास क्षतिग्रस्त हो गया है। वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि भारी बारिश के कारण घाटी को जाने वाला रास्ता टूट गया है। पर्यटकों को फिलहाल घाटी में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। मौसम सामान्य होने के बाद रास्ते का सुधारीकरण कार्य किया जाएगा। इसके बाद पर्यटकों की आवाजाही सुचारू हो पाएगी।
बदरीनाथ हाईव
प्रदेश में दो दिन से हो रही बारिश के चलते कई गाड़-गदेरे उफान पर आ गए हैं। नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। पहाड़ियों से मलबा और बोल्डर गिरने से तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 225 सड़कें बंद हो गई। इनमें से मात्र 46 सड़कों को ही खोला जा सका। लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों को खोलने का काम भी बेहद धीमा गति से चल रहा है।
यमुनोत्री जाते यात्री
शनिवार को भूस्खलन के कारण रुद्रप्रयाग में एनएच 107 चमोली से चोपता के बीच बंद हो गया। वहीं धुमाकोट में एनएच 119 और देहरादून में हर्बटपुर-लखवाड़ बैंड तक मलबा और बोल्डर आने से हाईवे पूरी तरह से बाधित हो गया। खबर लिखे जाने तक इन मार्गों को खोलने की कोशिश जारी थी। इसके अलावा प्रदेश के 11 राज्य स्तरीय मार्ग, 12 जिला मुख्य मार्ग, छह अन्य जिला मार्ग, 72 ग्रामीण सड़कें और 121 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हो गईं।
सड़कों को खोलने के काम में 262 जेसीबी मशीनों को लगाया था। लोनिवि की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार शनिवार शाम पांच बजे तक 46 सड़कों को खोलने में ही कामयाबी मिल पाई थी। 104 सड़कें शनिवार को बंद हुई, जबकि 121 सड़कें एक दिन पहले से ही बंद थीं। इधर, गाड़-गदेरों के उफान पर आने से नदियों के जलस्तर पर भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। हालांकि नदियां खतरे के निशान से अभी भी दूर ही हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से लोगों को नदी तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है। वहीं, टिहरी डैम की झील अधिकतम जलस्तर 830 मीटर के मुकाबले अभी 760.20 मीटर पर है। बांध की झील से 6.020 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।