पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते जहां जनजीवन प्रभावित होने लगा है। वहीं तराई भावर के कारोबार पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण बाजार में ग्राहकों का टोटा पड़ गया है। जिससे कारोबारियों का कारोबार चौपट होता नजर आ रहा है। हालात यह है कि व्यापारी त्योहार के सीजन के बावजूद माल मंगवाने से कतरा रहा है। बाजार में जलभराव होना भी एक कारण है।
बताते चलें कि पिछले चार दिन की बारिश ने जहां काश्तकारों की धान की फसल को बर्बाद कर दिया है। वहीं काश्तकारों को हुए आर्थिक नुकसान का खामियाजा तराई भावन के रुद्रपुर कारोबारियों पर पड़ने लगा है। कारोबारियों का मानना है कि व्यापार प्रभावित होने में जहां प्राकृतिक आपदा है। वहीं नगर निगम की सुस्त कार्यशैली के कारण जरा सी बारिश में मुख्य बाजार सहित मुख्य मार्गों पर जलभराव हो जाता है। जिससे ग्राहक बाजार आने से कतराते हैं।
यहीं कारण है कि पिछले चार दिनों से बाजार में ग्राहकों का टोटा पड़ा है और 50 फीसदी के करीब कारोबार प्रभावित हो चुका है। माना जाता है कि दीपावली आने से पहले धान की फसल की बिक्री होने के बाद बाजार में रौनक लौटती थी। क्योकि काश्तकार और कारोबारी सिक्के के दोनों पहलु है। जब काश्तकार को मुनाफा होगा। तो बाजार में रौनक लौटेगी।
वर्ष 2021 में भी कारोबारियों का करोड़ों का माल जलभराव के कारण खराब हो गया था। वर्ष 2022 में भी बेमौमसी बारिश होने के कारण व्यापारी अब माल मंगवाने से कतरा रहे है। ऐसे में दुकान दारों में त्यौहार को लेकर खासा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar