मुजफ्फरनगर। जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों पर लापरवाही के कारण एक महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई हैं। गुस्साएं परिजनों ने जिला महिला चिकित्सालय के चिकित्सकों पर चिकित्सालय को कमाई का अड्डा बनाने का आरोप लगाया हैं। आरोप है कि उपचार के लिए बीमार महिला को लाया गया था, मगर डॉक्टरों ने पहले तो महिला को भर्ती करने के लिए तीन सौ रुपये मांगे। आरोप है कि पैसे देने के बाद ही बीमार महिला का इलाज शुरू किया। उपचार मिलने के दौरान महिला कुछ समय बाद ठीक हो गई। डॉक्टरों ने बीमार महिला को घर ले जाने के लिए कह दिया, लेकिन परिजनों ने महिला के सही न होने की बात कहते हुए अच्छा ट्रीटमेंट देने के लिए कहा, लेकिन डॉक्टर नहीं माने। आरोप है कि लालची डॉक्टरों के द्वारा पांच सौ रूपये की डिमांड की गई और पांच सौ रूपये लेकर ट्रीटमेंट चालू कर दिया। आरोप है कि पांच सौ रूपये देने में हुई देरी के कारण डॉक्टरों द्वारा बीमार महिला को उपचार नहीं दिया गया था, जिसके चलते बीमार महिला ने बैड पर ही दम तोड़ दिया।
पूरा मामला गुरुवार का है। सरवट निवासी मीणा जिसकी उम्र करीब 55 साल थी, उसको करीब 10-15 दिन से बुखार हो रहा था। गुरुवार को ज्यादा हालत बिगडऩे पर परिजनों द्वारा जिला चिकित्सालय लाया गया। परिजनों ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले उनसे भर्ती करने के लिए हम से 300 रूपये लिए गए। मृतका के बेटे शहजाद ने बताया जब वे लोग वार्ड में पहुंचे, तो वार्ड के डॉक्टरों ने उनसे 500 रूपये देने को कहा और पैसे देने के बाद उसका इलाज शुरू कर दिया, उसके कुछ घंटों बाद महिला की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिवार के लोगों ने डॉक्टर से संपर्क किया, तो कर्मचारियों ने दवाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। मृतका मीणा के परिजनों ने जिला महिला चिकित्सालय के चिकित्सकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार से सैलरी पाने के बावजूद भी इलाज के नाम पर गरीबों का खून चूसने का काम किया जा रहा हैं।