सोनभद्र: जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र में कोयले के अवैध डिपो को सीज किया गया. इस दौरान 32 बीघा क्षेत्र में डंप 10 लाख टन कोयला बरामद किया है. फिलहाल डिपो का कोई दावेदार नहीं मिला.जिला मुख्यालय से लगभग 125 किलोमीटर दूर सोनभद्र के सीमावर्ती शक्तिनगर थाना अंतर्गत बीना चौकी क्षेत्र में स्थित एनसीएल कृष्णशिला रेलवे साइडिंग के पास बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से कोयले का काला खेल चल रहा था. यहां सरकारी कोयला खदानों से लाकर लाखों टन कोयला डंप था. इस डंप कोयले में कई जगह आग लग चुकी थी, जिसकी सूचना के बाद मौके पर पहुंचे बीना चौकी प्रभारी अश्वनी रॉय द्वारा 7 लोगों को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया था. हालांकि जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. मामले की जानकारी जिले के प्रदूषण विभाग, खनिज विभाग, वन विभाग, लेखपाल व एडीएम सोनभद्र को दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंचे तमाम अधिकारी जांच में जुट गए.ADM ने कार्रवाई के दिए निर्देश
इस दौरान शनिवार को एडीएम सहदेव मिश्रा द्वारा तत्काल टीम गठित की गई, जिसमें जिला प्रदूषण अधिकारी टी एन सिंह समेत लेखपाल, खान अधिकारी व वन विभाग के कर्मचारी टीम में शामिल हैं. मौके पर एनसीएल बीना व ककरी के सीजीएम को बुलाया गया. जिनके द्वारा अवैध रूप से लागभग 32 बीघे में भंडार किए गए. 1 मिलियन टन कोयले से पल्ला झाड़ लिया गया जबकि सूत्रों की माने तो इस वर्ष से यह कोयले का काला कारोबार जोरो पर चल रहा था. गठित टीम की रिपोर्ट के आधार पर अवैध तरीके से डंप लगभग 1 मिलियन टन कोयले को सीज कर दिया गया और यह कहा गया कि डंप किए गए कोयले पर जिसका भी स्वामित्व हो. वह एक सप्ताह के अंदर कोयले से संबंधित कागजात दिखाकर अपना कोयला ले जाए. अन्यथा जिला प्रशासन द्वारा नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ कर उसे विक्रय कर दिया जाएगा.किसके संरक्षण में चल रहा था चोरी और मिलावट का खेल?
मामले में गंभीर विषय यह है कि यह कोयला इतने बड़े पैमाने पर कहां से आया और यह कोयला कहां जा रहा था. किसके संरक्षण में इतने बड़े पैमाने पर लगभग एक साल से कोयले का काला खेल चल रहा था. इसके कागजात कैसे और किस विभाग के अधिकारी द्वारा जारी किया जाता था. इतने दिनों से स्थानीय शक्तिनगर पुलिस ने क्यों कोई कार्रवाई नहीं की थी. मौके पर कई पोकलेन समेत पिलोडर किसके इशारे पर चल रहे थे.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी टी एन सिंह द्वारा बताया गया कि जानकरी प्राप्त हुई थी कि लाखों टन कोयला अवैध रूप से भण्डारित किया गया है. जांच में मिला कि कोयले की ढेर में आग लगी हुई है, जिससे परिवेशीय वायु गुणता भी प्रभावित हो रही है. कोयले का कोई स्वामित्व भी नहीं है. ऐसे में कोयले को सीज करते हुई पुलिस को सौंपा गया है.कोयले में मिलावट का खेल होने की है आशंका
जानकारी के अनुसार मामला चारकोल को कोयले में मिलाकर विक्रय किए जाने के खेल से जुड़ा हुआ है. कोयले में चारकोल मिलाकर कोयला चोरी किए जाने की भी संभावना प्रबल है. इस काले कारनामे में बड़े कोल माफियाओं का भी हाथ हो सकता है. फिलहाल पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए लाए गए 8 लोगों को भी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.