कासगंज के बाढ़ प्रभावित गांव बरौना में फिर कटान शुरू हो गया है। गांव का कुआं गंगा की धारा के बीच समा गया है। गांव का एक मकान भी जद में आ चुका है।
कासगंज जिले के गांव बरौना में रविवार को फिर से काली मंदिर के पास गंगा की तीव्र धारा ने करीब 500 मीटर क्षेत्र में कटान कर कर्व बना लिया, जिससे ग्रामीण फिर से चिंतित हो गए। सिंचाई विभाग भी परेशान है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद कटान की पहले से ही आशंका थी। तीन दिनों तक कटान नहीं हुआ। सिंचाई विभाग द्वारा लगाए गए बैम्बूक्रेट के पास शनिवार को गंगा की धारा का दबाव बना हुआ था।
अब गंगा की धारा ने काली मंदिर के पास करीब 500 मीटर की लंबाई में अर्धगोलाकार कर्व बनाकर कटान शुरू दिया। रविवार को लगातार कटान होता रहा, लेकिन कटान की गति धीमी थी। ग्रामीणों के मुताबिक कटान की गति कभी भी तेज हो सकती है। उनका कहना है कि जहां-जहां सिंचाई विभाग कटानरोधी कार्य कराता है, वहां छोड़कर दूसरे क्षेत्र में गंगा की धारा कटान करने लगती है, जिससे मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
गंगा की धारा के बीच आ गया गांव का कुआं
पूरे दिन गांव के लोग काली मंदिर के समीप चल रहे कटान के इलाके पर नजर बनाए रहे। गांव का कुआं भी कटकर गंगा की धारा के बीच में आ गया है। कुआं के चारों ओर की जमीन गंगा में समा चुकी है। ग्रामीण भूरे के मकान की एक ओर की जमीन पूरी तरह से गंगा में समा चुकी है। काली मंदिर तक कभी भी गंगा की धारा पहुंच सकती है।
सिंचाई विभाग द्वारा लगातार कटानरोधी कार्य किए जा रहे हैं। रविवार को भी कटानरोधी कार्यों का सिलसिला जारी रहा। बरौना के ग्रामीण अशोक शाक्य ने बताया कि गोलाई में गंगा काली मंदिर और भूरे के मकान के बीच में कटान कर रही है। कटान का खतरा लगातार बना हुआ है, जिससे चिंताएं बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि पूरे गांव के लोग इस आपदा को लेकर परेशान हैं।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि बरौना के पश्चिमी क्षेत्र में कटान हो रहा है। कटानरोधी कार्य निरंतर जारी हैं। गंगा की धारा ने स्थान परिवर्तित किया है, जिससे यह कटान हुआ है। गंगा का पानी कम होने से जल्द इस आपदा से राहत मिल जाएगी।