परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, दुष्कर्म पीड़िता की 12 दिन बाद लखनऊ में इलाज के दौरान मौत

Update: 2022-09-19 18:12 GMT
पीलीभीत के थाना माधोटांडा क्षेत्र में दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाई गई दलित किशोरी की 12 दिन के बाद मौत हो गई। लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में किशोरी की इलाज के दौरान मौत हुई। घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन शव लेकर गांव के लिए रवाना हो गए हैं। दोपहर दो बजे तक शव पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
घटना सात सितंबर को माधोटांडा क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। किशोरी घर पर अकेली थी। इस दौरान गांव के ही दो शोहदे घर में घुस गए और दुष्कर्म किया। उसके बाद दोनों शोहदों ने डीजल डालकर किशोरी को जिंदा जला दिया था। तीन दिन तक किशोरी जिला अस्पताल में भर्ती रही और पुलिस संगीन वारदात से अंजान रही। दस सितंबर की रात को अफसरों तक मामला पहुंचा तो दौड़-भाग हुई। एसपी के निर्देश पर पिता की तहरीर पर आनन-फानन में हत्या और एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
उधर, किशोरी की गंभीर हालत को देखते हुए 11 सितंबर को उसे लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। पीलीभीत जिला अस्पताल से लेकर लखनऊ के अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी पर्याप्त इलाज न मिल पाने की बात सामने आई थी। जिस पर परिवार ने भी सवाल खड़े किए थे। अब किशोरी की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया है।
न्यूज़क्रेडिट: amritvichar

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