उत्तरप्रदेश | ताजनगरी के बच्चों पर वायरल हेपेटाइटिस ए का हमला हुआ है. बीते तीन महीनों में निजी और सरकारी अस्पतालों में आए मरीजों ने 10 वर्षों के रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं. बच्चों का एसजीपीटी और एसजीओटी इतने बढ़ रहे हैं कि डॉक्टर्स भी हैरान हैं. ऑक्सीजन लेवल भी गिर रहा है. तीन से चार दिन के बुखार में पीलिया शरीर को जकड़ रहा है. इसे रिकवर करने में 10 से 15 दिन का समय लग रहा है. ऐसे में ताजनगरी के बाल रोग विशेषज्ञों की सरकार से मांग है कि हेपेटाइटिस ए का रुटीन वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाए. ताकि, बच्चे सुरक्षित हो सकें.
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी यादव ने बताया कि बच्चों में गला खराब, कफ बनना और शरीर टूटना साधारण वायरल है. इसे रिकवर करने में 7 से 8 दिन लग रहे हैं. लेकिन, अभी बच्चों पर वायरल हेपेटाइटिस ए ने हमला बोला है. 100 केस में से 60 केस वायरल हेपेटाइटिस ए के आ रहे हैं. तीन महीनों में रिकार्ड केस आए हैं, जो पिछले 10 वर्षों में नहीं देखे हैं. पेट दर्द, उल्टी आना, बुखार और भूख न लगना इस वायरल के प्रमुख लक्षण हैं. तीन से चार दिन तक आने वाले बुखार से बच्चे को पीलिया की शिकायत हो रही है.
सामान्य से पांच हजार तक बढ़े बच्चों के एसजीपीटी और एसजीओटी सामान्य से चार से पांच हजार तक बढ़े हुए हैं. ऐसे में इन बच्चों को रिकवर करने में समय लग रहा है. 10 से 15 दिन में बच्चे रिकवर हो रहे हैं. बच्चों को हैवी एंटीबायटिक भी नहीं दी जा सकती है. अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को दूषित पानी, बाहरी भोजन से दूर रखें. उनकी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. उन्होंने बताया कि ताजनगरी में बढ़ते वायरल हेपेटाइटिस ए की संख्या चिंताजनक है. सरकार रुटीन वैक्सीनेशन चलाकर बच्चों को सुरक्षित करे.
बच्चों को निमोनिया भी रहा सता बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि वायरल में निमोनिया ने भी जोर पकड़ा हुआ है. इसमें बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. फेफड़े कमजोर हो रहे हैं. बच्चों का ऑक्सीजन लेवल भी गिर रहा है. ऐसे में उनकी ऑक्सीजन लेवल को स्थिर रखना भी चुनौती बना हुआ है. नेबुलाइजर से उन्हें ठीक किया जा रहा है. इसमें भी 10 से 15 दिन का समय लग रहा है.