जनता से रिश्ता : मामला मंडी धनौरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां पर किसान का परिवार रहता है। उसकी 15 वर्षीय बेटी एक स्थानीय निजी इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट की छात्रा थी। 15 सितंबर 2012 की सुबह वह कॉलेज के लिए घर से निकली थी लेकिन शाम तक घर वापस नहीं आई। परिजनों की तलाश में पता चला कि छात्रा न तो स्कूल पहुंची और न ही ट्यूशन गई। इस दौरान ग्रामीणों से जानकारी हुई कि छात्रा को गांव का ही एक युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। आरोपी युवक इससे पहले छात्रा के साथ कई बार छेड़छाड़ भी कर चुका था। अपहरण कर वह छात्रा को अपने भाई अली वारिस के पास छोड़ आया था।
अली वारिस ने छात्रा के साथ दुष्कर्म भी किया। पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी अली वारिस और उसके छोटे भाई के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की थी। घटना का मुख्य आरोपी नाबालिग था। लिहाजा, उसका मुकदमा बाल न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष (एससी-एसटी एक्ट) तृप्ता चौधरी की अदालत में विचाराधीन था। सोमवार को अदालत में केस की आखिरी सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता मनोज सक्सेना ने पैरवी की। साक्ष्य के आधार पर अदालत ने अली वारिस को दोषी करार दिया। सात साल जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता मनोज सक्सेना ने बताया कि इस केस में मुख्य नाबालिग आरोपी को बाल न्यायालय से सजा सुनाई जा चुकी है।
सोर्स-hindustan