उत्तर-प्रदेश: लोकतंत्र और समृद्धि बोलने में लड़खड़ाई तेजस्वी की जुबां
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....लोकतंत्र में... समाक्ष कई चुनौतियां हैं, लेकिन हम सामूहिक प्रयास और संकल्प से छलतंत्र से बचा सकते हैं। हमारे पुरखे ने लोकतंत्र की हमारे लोकतंत्र की समृद्ध विरासत सौंपी आवश्यकता है कि हम इसे मिलकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के जड़ों को और मजबूत बना और विधानसभा की शताब्दी बना और विधानसभा की शताब्दी वर्ष के यही चुनौतियां भी हैं और अवसर भी हैं। ये शब्द हैं विहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक भाषण के जो इंटरनेट पर फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है।