उत्तर-प्रदेश: केडीए अवैध निर्माण करेगा ध्वस्त, हाजी वसी पर हलीम कॉलेज की जमीन कब्जाने का आरोप

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Update: 2022-07-08 14:14 GMT
कानपुर हिंसा मामले में जेल भेजे गए बिल्डर हाजी वसी का एक और कारनामा पुलिस के सामने आया है। पुलिस कमिश्नर को बुधवार को एक गुमनाम पत्र मिला। उसमें आरोप लगाया गया है कि बिल्डर हाजी वसी ने केडीए, जिला प्रशासन और पुलिस से सांठगांठ कर हलीम काॅलेज की 20 हजार वर्ग मीटर जमीन कब्जाकर एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतें बनाकर बेच डालीं। पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला कि हलीम कॉलेज के पास एक लाख वर्ग गज जमीन है। मौजूदा समय में इसकी 20 हजार वर्ग गज से ज्यादा जमीन पर बहुमंजिला इमारतें खड़ी हैं। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा बिल्डर हाजी वसी का है, जिसमें इमारतें, दुकानें और कई गेस्ट हाउस बनवाए गए हैं।
केडीए और पुलिस पर मिली भगत का आरोप
हलीम कॉलेज को संचालित करने वाले मुस्लिम एसोसिएशन के पदाधिकारी अब्दुल हसीब का आरोप है कि केडीए और पुलिस से मिलीभगत कर बिल्डर कॉलेज की जमीन पर कब्जे कर रहे हैं। संस्था के संचालन को लेकर कोई एक कमेटी नहीं है। एक पक्ष मेरा है, दूसरा कोर्ट से है और तीसरा पक्ष वह है जिसे पुलिस ने कब्जा कराया हुआ है। इसका लाभ बिल्डर उठा रहे हैं और जमीन पर कब्जे हो रहे हैं।
हाजी वसी के अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त
केडीए ने बिल्डर हाजी वसी की तरफ से अवैध रूप से बनवाई जा रही इमारतें ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। ध्वस्तीकरण की शुरुआत चमनगंज क्षेत्र से करने की योजना बनाई गई है। बिल्डर हाजी वसी एक दशक से भी ज्यादा समय से विकास प्राधिकरण के अभियंताओं सहित अन्य अफसरों, सुपरवाइजरों की मिलीभगत से घनी आबादी वाले चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज क्षेत्र में छोटे-छोटे प्लाटों पर मानकों को ताक पर रखकर वैध निर्माणों की आड़ में अवैध रूप से बहुमंजिला इमारतें भी बनवाता रहा है।
पुलिस की जांच में यह भी पता चला था कि बिल्डर हाजी वसी की परेड चौराहे पर सद्भावना चौकी के पीछे स्थित कार्नर के भवन और उसके बगल में स्थित चंद्रेश्वर हाते पर भी नजर थी। पुलिस के अनुसार इस हाते को खाली कराने के लिए उसने हयात से एक करोड़ में डील की थी। इसमें से 10 लाख रुपये एडवांस भी दिए थे। जांच के दौरान पर्त दर पर्त खुलने के बाद केडीए ने भी उसके खिलाफ कार्रवाई तेज की। पता चला है कि ध्वस्तीकरण की सूची में हाजी वसी की चमनगंज के परिसर संख्या 88/333 पार्ट में निर्माणाधीन इमारत का नाम सबसे ऊपर है। इसमें ग्राउंड फ्लोर के साथ ही तीन मंजिलों का निर्माण हो रहा था।
चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज थाना क्षेत्र में बिल्डर हाजी वसी जिन सात इमारतों को सील तोड़कर अवैध रूप से बनवा रहा था। इन मामलों में संबंधित थाने में पिछले महीने एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सभी अवैध इमारतें क्षेत्रीय पुलिस की सुपुर्दगी में दे दी गई थीं। नियमानुसार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। जाजमऊ क्षेत्र में भी उसकी दो बिल्डिंग सील की गई थीं।
केस्को, जलकल, नगर निगम की मिलीभगत से भी चल रहा अवैध फ्लैटों का धंधा
हाजी वसी सहित कई अन्य बिल्डर सोहन लाल का हाता बासमंडी, कंघी मोहाल, सीसामऊ, सुजातगंज, ग्वालटोली, सूटरगंज, जाजमऊ, रतन लाल नगर, श्याम नगर, लालबंगला, गोविंद नगर, किदवई नगर, नौबस्ता, कल्याणपुर, काकादेव, नवाबगंज, विष्णुपुरी आदि क्षेत्रों में अवैध रूप से फ्लैट बनवा रहे हैं। केस्को और जलकल विभाग मिलीभगत के चलते नक्शे को नजरंदाज करते हुए फ्लैट खरीदारों को बिजली, सीवर के कनेक्शन भी दे देते हैं। इस वजह से अवैध निर्माणों को बढ़ावा मिल रहा है। उधर, केडीए के ओएसडी ने बताया कि केस्को, जलकल विभाग को यह देखकर ही कनेक्शन देना चाहिए कि उस भवन का नक्शा स्वीकृत है या नहीं। नगर निगम को भी नियमानुसार बने भवनों में ही गृहकर निर्धारण करना चाहिए।
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