लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधान मंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को इतिहास रचा जायेगा, जब पहली बार किसी सत्र की एक बैठक पूरी तरह से महिला विधायकों के लिये आरक्षित होगी।
विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर विधान मंडल के दोनाें सदनों में मानसून सत्र के आज चौथे दिन महिला विधायकों के लिए विशेष सत्र आहूत किया गया है। इस सत्र में सिर्फ महिला विधायक ही अपने मुद्दे उठायेंगी और उन पर चर्चा करेंगी।
महाना ने आज के दिन को महिला विधायकों के लिए यादगार बताते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश की विधान सभा में ऐसा सत्र होगा जिसमें सिर्फ महिलाओं के लिये विशेष सत्र आहूत किया गया हो। इस सत्र के दौरान दोनों सदनों में सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।
इस सत्र में बोलने का अवसर सिर्फ महिला सदस्यों को मिलेगा। प्रत्येक महिला सदस्य को बोलने के लिये 3 से 8 मिनट का समय मिलेगा। इस सत्र के लिये 150 महिलाओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। आमंत्रित महिलायें विधान सभा मंडप की 4 दर्शक दीर्घाओं में बैठकर इस पल की गवाह बनेंगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी ने इस सत्र के लिये दोनों सदनों की सभी महिला विधायकों को पत्र लिख कर सदन में उपस्थित रहने और अपनी बात रखने का अनुरोध किया था। इस समय विधान सभा में 47 और विधान परिषद में 06 महिला सदस्य विशेष सत्र में अपनी बात रखेंगी।
योगी ने पत्र में कहा कि महिलाओं के लिये आयोजित विशेष सत्र, उत्तर प्रदेश विधान मंडल में 'महिला शक्ति' के नाम समर्पित होगा। इस सत्र में राज्य सरकार की तरफ से महिला सशक्तिकरण के लिये चलाये जा रहे 'मिशन शक्ति' के अंतर्गत किये गये कार्यों को रखा जायेगा।