मेरठ में एक युवक ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर एसएसपी प्रभाकर चौधरी को गरीबों का मसीहा बताते हुए उनका ट्रांसफर रुकवाने को कहा। युवक ने कहा कि यदि एसएसपी का ट्रांसफर हुआ तो वह अपनी जान दे देगा। पुलिस युवक की तलाश कर रही है।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी गरीबों के मसीहा हैं। उनका ट्रांसफर हो गया तो मैं जान दे दूंगा। रविवार सुबह पुलिस कंट्रोल रूम में आए एक फोन कॉल पर ये बातें सुनते ही पुलिसकर्मी चौंक गए। पुलिसकर्मियों ने ही पीआरवी और थाना पुलिस को जानकारी दी। इंस्पेक्टर ने नंबर पर बात की तो युवक उनको रोकने की मांग पर अड़ा रहा। पुलिस के पूछने पर भी युवक ने यह नहीं बताया कि वह कहां से बोल रहा है। हालांकि पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
बता दें कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी का शनिवार को आगरा के लिए तबादला हो गया है। शान नाम के एक युवक ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन पर उनका ट्रांसफर रुकवाने की मांग की। उसने कहा कि वह गरीबों के मसीहा थे।उन्होंने मुझे इंसाफ दिलाया था। यदि उनका ट्रांसफर हुआ तो मैं अपनी जान दे दूंगा।
रोहित सिंह सजवान होंगे नए एसएसपी
बता दें कि सोमवार से मेरठ के नए एसएसपी रोहित सिंह सजवान चार्ज संभालेंगे। आईपीएस रोहित सिंह सजवान मूलरूप से टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं। एसपी सिटी बरेली के बाद महाराजगंज के एसपी, गोरखपुर और फिर एसएसपी बरेली बनाया था। अब उनको मेरठ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रोहित सिंह ने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में अपने प्रशिक्षण के दौरान कई पदक और सम्मान जीते हैं।
बैच 2013 के आईपीएस रोहित सिंह सजवान को मेरठ का एसएसपी बनाया गया है। वह पौने दो साल से बरेली में तैनात थे। रोहित ने फोन पर अमर उजाला को बताया कि मेरठ में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगा और कानून व्यवस्था प्राथमिकता रहेगी। बेहतर पुलिसिंग करने की कोशिश रहेगी।
प्रभाकर चौधरी ने सोतीगंज का कबाड़ किला ढहाया
आईपीएस प्रभाकर चौधरी मेरठ में एक साल नौ दिन एसएसपी रहे। अब उन्हें आगरा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने सोतीगंज का कबाड़ किला ढहाया व भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कसा। इंस्पेक्टर सदर बाजार बिजेंद्र सिंह और एसओ महिला थाना मोनिका जिंदल समेत दस पुलिस वालों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया। बेहतर पुलिसिंग कर अग्निपथ योजना का विरोध करने वालों को शांत रखा।
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के विरोध को देखते सुरक्षा कड़ी रखी, जिसके चलते कानून व्यवस्था कायम रही। प्रभाकर ने मेरठ के थानों में चल रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए काफी काम किया है।
वह 18 जिलों में एसएसपी रह चुके हैं, जिसमें से मेरठ में सबसे लंबा कार्यकाल रहा। योगेश भदौड़ा समेत पांच अपराधियों को कोर्ट से सजा दिलाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। याकूब कुरैशी पर भी कानूनी शिकंजा इनके कार्यकाल में ही कसा।