नाबालिग किशोरी को ले गया था भगा कर, पुलिस ने कर दिया खेल

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Update: 2022-12-20 10:43 GMT
मोरना। ककरौली थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी अनपढ़ पिता के फर्जी हस्ताक्षर कर नाबालिग किशोरी को बालिग दिखाकर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। किशोरी की मां ने एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में पुलिस पर विपक्षियों से साज खाने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए तहरीर पर फर्जी हस्ताक्षर कराने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने व न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। ककरौली थाना क्षेत्र के कस्बा ककरौली में विगत सप्ताह कस्बे का ही एक युवक नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया था। इस संबंध में पीडि़त अनपढ़ पिता द्वारा आरोपी युवक के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई थी, जिसके आधार पर पीडि़त द्वारा पुलिस से मुकदमा दर्ज कर बेटी की बरामदगी की गुहार लगाई गई। नाबालिग किशोरी की मां ने एसएसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि आधार कार्ड के हिसाब से पीडि़ता की बेटी की उम्र लगभग 15 वर्ष है, लेकिन पुलिस ने विपक्षियों से मोटी रकम लेकर नाबालिग किशोरी को बालिग दिखाकर व थाने के ही एक पुलिसकर्मी ने अनपढ़ पिता के फर्जी हस्ताक्षर कर आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। आरोप है कि नाबालिग किशोरी के माता-पिता अनपढ़ व अंगूठा छाप है तथा उन्हें अंग्रेजी या हिंदी में हस्ताक्षर करना भी नहीं आता है। नाबालिग किशोरी की मां का यह भी आरोप है की ककरौली पुलिस का एक सिपाही आरोपियों से मिला हुआ है।
उसने आरोपी पक्ष से मोटी रकम लेकर नाबालिग किशोरी को बालिग दिखाकर मुकदमा दर्ज करा दिया। आरोप है कि वह पुलिसकर्मी पूरी तरह से विपक्षियों से मिला हुआ है और उनसे मोटी रकम लेकर मुकदमा लिखाने में खेला कर दिया गया। किशोरी की मां ने दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर निष्पक्ष जांच करने व आरोपी के विरुद्ध सही मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई है। निष्पक्ष जांच से खुल सकता है तहरीर में हुए खेल का राज: पुलिस विभाग पर अक्सर पीडि़तों के साथ न्याय दिलाने के लिए भेद भाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप अक्सर लगता रहा है, लेकिन तहरीर में हेरफेर कर नाबालिग किशोरी को बालिग दिखाकर विपक्षियों से मोटी रकम लेकर ककरौली थाने के पुलिसकर्मी की संलिप्तता से ककरौली थाना पुलिस की किरकिरी हो रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले को गंभीरता से लेकर आरोपित पुलिसकर्मी के खिलाफ निष्पक्ष जांच करानी चाहिए, ताकि विभाग के एक पुलिसकर्मी की कारगुजारी की वजह से पुलिस विभाग की निष्पक्ष छवि को आंच न आने पाए। आखिर जिस माता-पिता पर हस्ताक्षर करने तो दूर उन पर हिंदी में नाम लिखना तक भी नहीं आता और वह पूरी तरह से अंगूठा छाप बताए गए हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच से तहरीर में हुए खेल से पर्दा उठने में देर नहीं लगेगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि पीडि़त माता-पिता के द्वारा पहले तो कई दिनों तक बार-बार थाने के चक्कर लगाते हुए सही मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई जाती रही, लेकिन ककरौली पुलिस के पीडि़तों को टरकाऊ रवैये के कारण एसएसपी की चौखट तक पहुंचा दिया।
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