लोकसभा चुनाव फूलपुर से या मिर्ज़ापुर से!

Update: 2023-07-30 09:33 GMT

सपा नेतृत्व पश्चिम बंगाल में अपने नेता किरणमय नंदा को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए एक सीट मांगेगा। अगर विपक्षी समावेशी गठबंधन इंडिया ने वहां सपा को एक सीट दी तो इसके एवज में यूपी में एक सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए दी जा सकती है। इसी तरह से राजस्थान और हरियाणा में भी सपा इंडिया से दो-दो सीट मांगने की तैयारी में है।

सपा की तरह ही तृणमूल कांग्रेस भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती है। इसी साल अप्रैल में चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया था। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस और सपा, दोनों ही अपने-अपने आधार वाले राज्य के अलावा दूसरे राज्यों में भी पैर फैलाना चाहती हैं।

सपा सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस यूपी में एक सीट पर अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस छोड़कर तृणमूल का दामन थामने वाले पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी काफी समय से प्रयासरत भी बताए जाते हैं।

बताते हैं कि इस मुद्दे को लेकर सपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच काफी हद तक सहमति बन चुकी है, लेकिन सपा ने भी किरणमय नंदा के लिए पश्चिम बंगाल में एक सीट मांगी है। किरणमय नंदा वर्तमान में सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और लंबे समय से पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रहे हैं। दोनों पक्षों के लिए एक-दूसरे के राज्य में कौन सी सीट मुफीद रहेगी, इस पर विचार चल रहा है। यूपी में तृणमूल को पूर्वांचल में एक सीट मिलने की उम्मीद है।

फूलपुर या मिर्जापुर से लड़ सकते हैं नीतीश कुमार

इंडिया गठबंधन के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यूपी से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। नीतीश कुमार कुर्मी बहुल मिर्जापुर या प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं।

समाजवादियों का मानना है कि नीतीश कुमार के यूपी से लड़ने पर उनके सजातीय कुर्मी वोट पूरे प्रदेश में इंडिया गठबंधन के साथ आ सकता है। हालांकि, नीतीश के यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ने पर सपा बिहार में एक सीट पर अपने प्रत्याशी को लड़ाना चाहेगी।

राजस्थान और हरियाणा में भी दो-दो सीटों पर दावा ठोकेगी सपा

इंडिया के घटक दल कांग्रेस के लिए यूपी में गठबंधन के तहत कुछ सीटें दी जाएंगी, तो बदले में सपा भी राजस्थान और हरियाणा में दो-दो सीटों पर अपना दावा प्रस्तुत करेगी। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है तो हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है।

सपा नेताओं का तर्क है कि राजस्थान के अलवर, जयपुर देहात, सीकर और भरतपुर लोकसभा क्षेत्रों में यादव मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। इसलिए इनमें से दो सीटों पर सपा के सिंबल पर उम्मीदवार उतारे जाने चाहिए। इसी तरह से हरियाणा में यादव बहुल गुड़गांव और रोहतक सीटों पर सपा दावा करेगी।

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