स्वामी प्रसाद मौर्या की जीभ काटने पर 10 लाख इनाम का ऐलान करने वाले कांग्रेसी नेता पलटे
उत्तरप्रदेश: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ मंगलवार को जहर उगलने और उनकी जीभ काटने पर दस लाख की इनाम की घोषणा करने वाले कांग्रेसी नेता अपने बयान से पलट गए हैं। चौतरफा दबाव के बाद कांग्रेस नेता ने बाकायदा वीडियो जारी करके न केवल अपना बयान वापस ले लिया बल्कि इसके लिए खेद भी जताया है।
कांग्रेस मानवाधिकार विभाग के जिला चेयरमैन गंगाराम शर्मा ने सपा नेता मौर्या द्वारा हिन्दू धर्म और रामचरित मानस को लेकर दिए आपत्तिजनक बयानों पर आपत्ति जताते हुए मंगलवार विवादित बयान दिया था। पार्टी नेता् के बयान से जिला इकाई ने कल ही पल्ला झाड़ लिया था। इसके एक दिन बाद ही कांग्रेस नेता बैकफुट पर आ गए।
कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ धार्मिक भावना से आहत होकर बयान दिया। पर वह उसे वापस ले रहे हैं। उन्होंने अपने बयान पर खेद भी जताया और कहा कि कांग्रेस सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने वाली पार्टी है। उसका वह पूरी तरह से समर्थन करते हैं।
कांग्रेस नेता गंगा राम शर्मा ने मंगलवार को कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य न केवल तुलसीदास, राम चरित मानस बल्कि हिन्दू धर्म का अपमान कर रहे हैं। इससे आहत होकर और उनकी बदजुबानी रोकने के लिए ही उन्होंने जीभ काटने पर दस लाख इनाम का ऐलान किया है।
क्या बोले थे स्वामी प्रसाद मौर्य
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीन दिन पहले एक विवादित बयान दिया था। स्वामी ने कहा था कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी यही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। कहा कि सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।
अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है। उन्होंने कहा कि हम लोग भले ही पागल होकर हिंदू धर्म के लिए मरे पर ब्राह्मणवादी व्यवस्था के चालाक लोग हमें आदिवासी मानते हैं।