प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गैर जमानती वारंट किया जारी

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) ने गैर जमानती वारंट जारी किया

Update: 2022-08-07 12:59 GMT

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. वारंट जारी होने के बाद डॉक्टर संजय निषाद रविवार को प्रेस रिलीज जारी करके अपनी सफाई दी है. कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) डॉ संजय निषाद ने बताया कि पत्रकार बंधुओं के माध्यम से पता चला है, की कसरवल आंदोलन(निषाद आरक्षण के लिए हुए ) को लेकर माननीय CJM कोर्ट गोरखपुर ने जमानती वारंट जारी किया है. फिलहाल संजय निषाद अधिकारिक दौरे पर आंध्र प्रदेश गए हुए हैं. आगामी 10 तारीख़ को माननीय न्यायालय के समक्ष मैं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखूंगा.

उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है कि न्यायपालिका 2015 में हुई मेरे निषाद भाइयों पर बर्बरता और तत्कालीन सपा सरकार द्वारा लादे गये फर्जी मुकदमों में न्याय करेगी. और मैं निषाद राज का सिपाही हूं, अपने समाज के हक के लिए जीवन की अंतिम सांस तक लड़ने व जेल में रहने के लिए भी तैयार हूं. योगी सरकार के मंत्री ने आगे कहा कि समाज के हक व अधिकार की लड़ाई को मैं सड़क और सदन के माध्यम से लगातार उठा रहा हूं और उठाता रहूंगा. मेरे विरोधियों और समाज के विभीषणों ने यह झूठ में प्रचार किया की कोर्ट ने मुझे गिरफ़्तार कर पेश करने के लिए कहां है. मीडिया ने हमेशा मेरे समाज की लड़ाई में मेरा साथ दिया उम्मीद है की आगे भी आशीर्वाद बना रहेगा.
बार-बार कोर्ट के नोटिस के बाद भी जब संजय निषाद कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे, तब शनिवार को कोर्ट ने एसओ शाहपुर को यह निर्देशित किया कि 10 अगस्त को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए और इसका वारंट जारी किया.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, यह मामला 7 जून 2015 का है, जब संजय निषाद 5 फ़ीसदी सरकारी नौकरियों में निषादों के आरक्षण की मांग को लेकर सहजनवा के कसरवल में धरना प्रदर्शन किया था. उस दौरान रेल रोको कार्यक्रम का आह्वान संजय निषाद ने अपने कार्यकर्ताओं से किया था. जिसके बाद दूर-दूर से कार्यकर्ता गोरखपुर आ गए. दोपहर होते-होते यह संख्या हजारों में पहुंच गई. सबसे पहले आंदोलनकारी मगहर में कबीर मठ पर जाकर शीश नवाया और उसके बाद रेलवे ट्रैक पर जाकर कब्जा कर लिया. उसके बाद तत्कालीन सहजनवा थाना अध्यक्ष श्याम लाल यादव ने डॉक्टर संजय निषाद समय 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे में डॉक्टर संजय निषाद पहले से जमानत पर है.


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