रामपुर। सपा नेता आजम खां के खिलाफ टांडा थाने में एससी, एसटी एक्ट में दर्ज मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी आवाज का सैंपल लेकर उसकी जांच की रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर दाखिल करने के आदेश दिए थे। इस मामले में आजम खां के अधिवक्ता ने आपत्ति लगाकर आवाज जांच के लिए नही भेजने की बात कही थी। जिसमे अभियोजन की ओर से विरोध किया गया। शुक्रवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। इस प्रकरण में 21 नवंबर को आदेश हो सकते है।
मामला साल 2007 का है। विधानसभा चुनाव के प्रचार को दौरान आजम खां ने एक जनसभा को संबोधित किया था। जनसभा के बाद बसपा नेता धीर कुमार शील ने थाने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था कि आजम खां ने अपने भाषण में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है। तहरीर के बाद पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने 30 अक्तूबर 2021 को आजम खां पर आरोप तय कर दिए थे।
इस मामले में आजम खां की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट सेशन ट्रायल में चल रही है। 30अक्टूबर को सुनवाई को दौरान कोर्ट रूम में टांडा में 2007 में दिए गए आजम खां के भाषण की ऑडियो रिकॉर्डिंग चलाई गई थी। ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनने के बाद कोर्ट ने एसपी को आदेश दिया कि आजम खां की आवाज का सैंपल लेकर उसकी जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला, मुरादाबाद में कराई जाए।
कोर्ट सबूत के तौर पर पेश किए गए जाएगें। ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी जांच के आदेश दिए थे। इस मौके पर गवाह के रूप में उपस्थित रिटायर्ड नायब तहसीलदार गुलाब राय से कोर्ट ने सवाल जवाब किया था। आजम खां के अधिवक्ता ने सीडी और आजम खां की आवाज को लैब नहीं भेजने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। जिसकी अभियान पक्ष ने भेजने की बात कही। इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। अब इसमें 21 को आदेश हो सकते है।