बांदा, संक्रामक बीमारियों का कहर लगातार जारी है। बीमारियां आए दिन किसी न किसी को चपेट में लेकर मौत की नींद सुला रही है। सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मरीजों की भरमार है। अस्पताल खुलते ही मरीजों की काफी भीड़ जमा हो जाती है। बुखार और पेट दर्द से पीड़ित एक किशोर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। डेंगू से पीड़ित एक युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अक्टूबर माह बीतने को एक सप्ताह बाकी है। सर्दी भी धीरे-धीरे अपना असर दिखा रही है। इसके अलावा मौसमी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा मच्छर जनित बीमारियां भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। स्वास्थ्य विभाग भी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। जिला अस्पताल में डेंगू की जांच शुरू हुई है। लेकिन एलाइजा जांच नहीं होती।
शहर के अलीगंज सेढ़ू तलैया निवासी मूलचंद्र (13) पुत्र सियाराम कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। इसके अलावा उसके पेट में दर्द भी होने लगा था। शनिवार को बुखार के साथ उसे उल्टी होने लगी। हालत बिगड़ने पर घरवालों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उपचार के दौरान रविवार की दोपहर उसने दम तोड़ दिया। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में चीखपुकार मच गई।
वहीं तिंदवारी थाना क्षेत्र के सिंधौली गांव निवासी शिवम (20) पुत्र देवीप्रसाद कई दिनों से बुखार से पीड़ित है। घरवालों ने उसका सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों के यहां उपचार कराया। लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार को हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घरवालों का कहना है कि चिकित्सकों ने उसे संभावित डेंगू बताया है। बुखार से पीड़ित एक दर्जन लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सोर्स - अमृत विचार।