बिजनौर। प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने छुट्टी को लेकर ऑनलाइन व्यवस्था का मनमाना तोड़ निकाल लिया है। मानव संपदा पोर्टल के जरिए छुट्टियों में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक कार्यालय में जब पोर्टल डाटा की समीक्षा की गई तो पता चला है कि जनपद बिजनौर सहित प्रदेश के अन्य 52 जिलों में शिक्षकों ने छुट्टी लेने में फर्जीवाड़ा किया है। इसमें रिपोर्टिंग प्रधानाध्यापक व खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की ओर से कोई आपत्ति नहीं होने पर उनकी मिलीभगत माना जा रहा है। खुलासे के बाद स्कूल महानिदेशक ने संबंधित जिलों के बीएसए से आगामी पांच जनवरी तक जवाब मांगा है।
जनपद बिजनौर सहित प्रदेश के अन्य 52 जिलों के शिक्षकों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी लॉगिन आईडी से सुबह आकस्मिक अवकाश लिया और दोपहर में निरस्म कर दिया, जिस कारण पोर्टल में सीएल निरस्त करते ही उपस्थिति दर्ज कर दी गई। जबकि उक्त सभी शिक्षक छुट्टी पर भी रहे और गैरहाजिरी दर्ज भी नहीं हुई। अवकाश लेने और निरस्त करने की ऑनलाइन सूचना रिपोर्टिंग अध्यापक और इलाके के खंड शिक्षा अधिकारी तक स्वत: पहुंचती है, लेकिन यहां दोनों ने इसको नजरंदाज कर दिया। सभी इस बात से बेखबर रहे कि पोर्टल की हर गतिविधि मास्टर सर्वर पर दर्ज हो रही है।
इस बात की भी आशंका नहीं रही कि पोर्टल की गतिविधि की स्क्रीनिंग हो सकती है। इस खुलासे पर शिक्षकों के अवकाश लेने के बाद उन्हें निरस्त करने पर जनपद बिजनौर सहित प्रदेश के अन्य 52 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी को निर्देश देकर कहा है कि शिक्षकों के अवकाश दोपहर 12 बजे के बाद से रात्रि दस बजे तक निरस्त किए जा रहे हैं। यह स्थिति संदेहजनक है। लिहाजा बीएसए अपना स्पष्टीकरण पांच जनवरी तक भेजें।
बिजनौर। प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सुविधा के लिए मानव संपदा पोर्टल शुरू किया है। जिसका लाभ राज्य के करीब 74 विभागों के कर्मचारियों को मिल रहा है। पोर्टल से किसी भी विभाग के कर्मचारी घर बैठे नियुक्ति, अवकाश और तबादले आदि की अर्जी दे सकते हैं। इस पोर्टल पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों, कर्मचारियों को भी उक्त ऑनलाइन सेवाएं मिल रही हैं।
बिजनौर। शिक्षकों ने पोर्टल पर कैजुअल लीव (सीएल) व एक दिन का चिकित्सा अवकाश ऑनलाइन लिया। उसी दिन दोपहर 12 बजे के बाद शिक्षकों ने छुट्टी कैंसिल कर दी। कुछ ने रात्रि 10 बजे के बाद छुट्टी कैंसिल की। विभागीय अधिकारियों ने भी मिलीभगत के चलते वजह नहीं पूछी, जबकि रिपोर्टिंग ऑफिसर की संस्तुति पर ही छुट्टी मिलती है।