लखनऊ। गाजीपुर थानाक्षेत्र से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए कैब ड्राइवर शिवशंकर का शव मिलने के बाद पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से दो हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और इनकी निशानदेही पर लूटी गई कार बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने शिवशंकर हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए हत्यारोपियों को जेल भेज दिया है। गौरतलब है कि गत सात मार्च को संजयगांधीपुरम निवासी कैब ड्राइवर शिवशंकर बुकिंग पर जाने की बात कह कर घर से निकला था, लेकिन उसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा। जिसके बाद परिजनों को चिंता सताने लगी और वह लगातार ड्राइवर को कॉल मिलते रहे। लेकिन कॉल रिसीव नहीं की गई। 8 मार्च को शिवशंकर के भाई शुभम ने गाजीपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। डीसीपी नार्थ सै. कासिम आब्दी ने बताया कि पुलिस ने कैब ड्राइवर के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया और सीडीआर डिटेल्स खंगाली। जिसमें पुलिस को एक संदिग्ध नंबर मिला। उस नबंर के आधार पर पुलिस ने तकरोही निवासी सूरज राजपूत और मोनू चौहान को हिरासत में लिया। बताया कि सूरज राजपूत एलएलबी का छात्र है, जबकि मोनू चौहान पूडी का ठेला लगता है।
पूछताछ के दौरान आरोपी पुलिस को गुमराह करते रहे। इस पर पुलिस का शक और भी गहराता चला गया। सख्ती से पूछताछ करने पर पता चला कि सूरज चौहान ने सात मार्च को तकरोही के लिए कैब की बुकिंग की थी। उस वक्त मोनू भी उसके साथ था। दोनों गाजीपुर से निकल कर तकरोही पहुंचे। इस दौरान आरोपियों ने लूट के इरादे से कैब ड्राइवर से मारपीट की। विरोध किए जाने पर कैब ड्राइवर की चाकू गोदकर हत्या कर दी।
इसके बाद हत्यारोपियों ने किसानपथ के पास ड्राइवर के शव को झाड़ियों में ठिकाने लगा दिया। इसके अलावा ड्राइवर के मोबाइल को बंदकर अपने पास रख लिया और कैब को एक मकान में खड़ा कर दिया। शनिवार को पुलिस ने हत्यारोपियों की निशानदेही पर लूटी गई कैब और ड्राइवर के शव को भी बरादम किया है। जिसके बाद पुलिस ने शिवशंकर हत्याकांड का पर्दाफाश कर हत्यारोपियों को जेल भेज दिया है।