हादसे के बाद भी ठीक नहीं हुईं सोसाइटी की लिफ्ट, मेंटेनेंस की लापरवाही की वजह से समस्या
उत्तरप्रदेश | सेक्टर-137 स्थित पारस टियारा सोसाइटी में 70 लिफ्ट हैं. एओए और स्थानीय निवासियों का दावा है कि इसमें ज्यादातर लिफ्ट एक से दो घंटे के लिए रोजाना खराब हो रही हैं.
सोसाइटी के एओए अध्यक्ष सेवानिवृत कर्नल रमेश गौतम ने बताया कि सोसाइटी में करीब 70 लिफ्ट है. सोसाइटी में हर रोज एक से दो घंटे के लिए सभी लिफ्ट खराब होती हैं, जिन्हें नियमित ठीक किया जा रहा है. कर्नल गौतम लिफ्ट की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता की लिफ्ट न होने से यह आए दिन खराब हो रही हैं. स्टूडियो अपार्टमेंट में लिफ्ट का काफी दबाव रहता है. उन्होंने बताया कि बिल्डर ने सिंकिंग और आईएफएमसी का करोड़ों रुपये का फंड भी नहीं दिया है. सोसाइटी में चार जनरेटर भी किराये के लगाए गए हैं. उन्होंने एजेंसी के खिलाफ शिकायत की है.
एजीएम कराने मांग सोसाइटी के लोग व्हाटसऐप ग्रुप में एओए से एजीएम कराने की मांग कर रहे हैं. ताकि अपार्टमेंट में लिफ्ट जैसे मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की जा सके और भविष्य में इस तरह की घटना-दुर्घटनाओं से बचा जा सके. पति के प्रयास और फोन कॉल से बुजुर्ग महिला का पता चला सेक्टर-137 स्थित पारस टियारा सोसाइटी में लिफ्ट के टूटने के बाद फंसी महिला का पता लगाने का पति ने काफी प्रयास किया. इसके साथ ही लिफ्ट में बुजुर्ग महिला के फंसने की जानकारी फोन कॉल से हुई.
पहले सोसाइटी की रखरखाव और लिफ्ट प्रबंधन की टीम लिफ्ट में किसी के नहीं फंसने की संतुष्टि करते हुए वापस चली गई. इसके बाद महिला पति के बार-बार कॉल करने की वजह से फंसी लिफ्ट में से फोन कॉल की आवाज आने लगी. तब पता चला कि महिला कहां फंसी है. आनन-फानन में रखरखाव और लिफ्ट प्रबंधन की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बुजुर्ग महिला को लिफ्ट से बाहर निकाला.
सोसाइटी की एओए के अनुसार बुजुर्ग महिला और उनका पति नीचे जाने के लिए घर से निकले. उनके पति कुछ पीछे रहे गए. तब तक बुजुर्ग महिला लिफ्ट में चढ़कर नीचे जाने लगी. कुछ देर बाद ही उनके पति भी लिफ्ट पर पहुंच गए. कुछ देर लिफ्ट के पास इंतजार करने के बाद पता नहीं चला कि उनकी पत्नी कहां गई. फिर बुजुर्ग ने नीचे जाकर सुरक्षा कर्मियों से बुजुर्ग महिला के आने की जानकारी प्राप्त की. सुरक्षा कर्मियों ने बुजुर्ग महिला के नीचे आने से इंकार कर दिया. इस दौरान ही टावर में जोरदार आवाज आ गई. इससे उन्हें किसी अनहोनी की चिंता सताने लगी. फिर सोसाइटी की रखरखाव टीम और लिफ्ट कर्मी लिफ्ट की जांच करने लगे. कर्मी 25वीं मंजिल तक पहुंच गए. पहले महिला के फंसे न होने की संतुष्टि हुई. फिर फोन कॉल की आवाज से जानकारी हुई और महिला को बाहर निकाला.