ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद सामने आ रहे साइड इफेक्ट, लोगों का रहना हुआ मुश्किल
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नोए़डा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद काफी नुकसान हुआ है। इसी के चलते देखा जाए तो सबसे ज्यादा नुकसान एटीएस विलेज सोसायटी में हुआ है। इसकी जानकारी एटीएस विलेज सोसायटी में कराए गए सर्वे से हुई है। बता दें कि ट्विन टावर के गिराए जाने के बाद एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी और एटीएस ग्रीन्स विलेज में इमारतों का सर्वे कराया गया। इस सर्वे में एमराल्ड कोर्ट के पिलरों में हेयरलाइन फिशर पाए गए हैं। जिसमें एटीएस ग्रीन्स के चार फ्लैटों के निवासियों ने कुछ दीवार और पिलरों में दरार की जानकारी दी है। ट्विन टावर के दोनों तरफ इन दोनों सोसायटियों को विस्फोट से पहले खाली करा लिया गया था।
वहीं, ध्वस्तीकरण के कारण हुए नुकसान की भरपाई का आश्वासन एडिफिस के अधिकारी दे चुके हैं। ध्वस्तीकरण में इस्तेमाल साढ़े तीन टन विस्फोटक के कारण एटीएस सोसायटी के 20 से अधिक पेड़ों की पत्तियां व पार्क के हैज की झाड़ी गर्म हवा के कारण झुलस गई है। इसी एटीएस सोसायटी के टावर 6ए में रहने वाली पूनम मुर्तजा बताती है कि घर में सीमेंट की परत जम गई थी। तीन दिनों तक घर की सफाई करा रहे हैं, बावजूद सफाई का कार्य बचा हुआ है। एडिफिस की तरफ से बचाव के लिए कोई पर्याप्त दिशा निर्देश नहीं दिया गया था। ऊपर के मंजिल में स्थित एक घर में दरवाजा भी ब्लास्ट के बाद प्रेशर से खुल गया था। लोग घर पहुंचे तो सीमेंट की पूरी परत जमा हुई थी। घर में अभी भी धूल से बचने के लिए पास स्थित टावर के लोगों ने सामान ढक रखा है।
आवाजाही में हो रही परेशानी
धूल के साथ ध्वनि प्रदूषण से आफत हो गई है। खिड़कियों में लोगों ने साउंड प्रूफ शीशे लगाए हैं। अभी 3 मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है। बेसमेंट में ध्वस्तीकरण के दिन धूल भरने के कारण पूरी रात सफाई करनी पड़ी थी। एपेक्स व सियान टावर ध्वस्त होने के कारण पूनम मुतर्जा सहित कई अन्य लोगों की पार्किंग की जगह चारदीवारी टूटने से क्षतिग्रस्त हुई है। इसके कारण लोगों को बेसमेंट की पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर आवाजाही कर रहे हैं। लोगों का कहना है ध्वस्तीकरण के दूसरे दिन तक रास्ता प्रभावित था तो घूम कर आवाजाही करनी पड़ रही थी।
घरों में जमी धूल से परेशान लोग
एटीएस विलेज सोसायटी में दोनों टावर के ध्वस्तीकरण के कारण कई जगह प्लास्टर व छज्जे में दरार आई है। टावर 6, 6ए, 7 व 8 में एपेक्स व सियान की तरफ स्थित खिड़की के कई शीशे भी टूटे हुए हैं। लोगों का कहना है कि उनकी सोसायटी में धूल को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। अगर चारदीवारी के आसपास भी जीयो फाइबर टेक्सटाइल शेड लगाकर लगाई जाती तो घर में इस तरह से धूल नहीं होती, जिसके कारण स्वास्थ्य चुनौती हमारे सामने आ जाती।