40 कॉलोनियों में सप्लाई हो रहा सीवर मिला पानी, गाजियाबाद में बुरा हाल

Update: 2022-07-26 09:45 GMT

अक्षय अग्रवाल, गाजियाबाद: स्वर्ण जयंतीपुरम में डायरिया से 2 बच्चों की मौत के बाद सरकारी अमला राहत कार्य में जुटा है। इसी बीच, स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट ने टेंशन बढ़ा दी है। शहर की 40 कॉलोनियों में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने जो सैंपल जांच के लिए भेजा था, उसमें सीवर के गंदे पानी के अंश मिले हैं। यही वजह है कि जिला अस्पताल एमएमजी में एक सप्ताह में 1225 मरीज डायरिया के पहुंच चुके हैं। इन सभी कॉलोनियों में नगर निगम या जीडीए की तरफ से पानी की सप्लाई होती है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 6 महीने में शहरी क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियों से पानी के 363 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 112 सैंपल फेल हो गए हैं। 40 सैंपल तो ऐसे मिले, जिनमें सीवर के पानी के अंश मिले हैं। इन्हीं इलाकों में सप्लाई का ऐसा पानी पीने से लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए नगर निगम और जीडीए को कई बार पत्र लिखकर आगाह भी किया। फिर भी पानी की सप्लाई में सुधार नहीं हुआ।

सरकारी अस्पताल के साथ ही निजी अस्पतालों में भी डायरिया के तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वर्ण जयंतीपुरम कॉलोनी में भी दूषित पानी की सप्लाई से ही डायरिया हुआ। हालात बिगड़ने की वजह से यहां 2 बच्चों की मौत हो गई थी। एमएमजी अस्पताल में सोमवार को डायरिया के 212 मरीज पहुंचे। इनमें से 18 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन मरीजों को भर्ती कराने की जरूरत पड़ी, उनमें से 7 बच्चे हैं। कैलाभट्टा के 3 बच्चों की हालत ज्यादा खराब है।

यहां का पानी पीने लायक नहीं

उदलनगर, सेवानगर, शिब्बनपुरा, नंदग्राम, पीले क्वार्टर, सेक्टर-23 संजयनगर, विवेकानंद नगर, विजय नगर, शांति नगर, भूड़ भारत नगर, घूकना, सिहानी, दीनागढ़ी, जगदीशनगर, स्वर्ण जयंतीपुरम, हरसांव, प्रतापनगर, महेंद्रा एन्क्लेव, पटेलनगर, बाल्मीकि कुंज, मानसी विहार।

क्या है डायरिया

यह पाचनतंत्र के विकार की एक बीमारी है। रोटावायरस की वजह से आंत में इंफेक्शन हो जाता है। साल्मोनेला या ईकोलाई बैक्टीरिया की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है। दस्त, उल्टी, पेट में मरोड़, पानी की कमी आदि हो सकते हैं। हालात खराब होने पर मल में खून आने के लक्षण भी दिखते हैं। जी मिचलाना, पेट में मरोड़, लूज मोशन, सूजन, डिहाइड्रेशन, बुखार, मल में खून आना इसके प्राथमिक लक्षण हैं।

ये बरतें सावधानी

डायरिया होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में खूब पानी पीएं। जितना हाइड्रेट रखेंगे, उतना ठीक होगा। जूस, छाछ का सेवन बढ़ा दें। दूध, पनीर, घी, मक्खन आदि न खाएं। ऐसी चीजों को पचाना मुश्किल होता है। फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे गोभी और बीन्स का सेवन न करें। इससे पेट फूल सकता है और गैस की समस्या हो सकती है। डायरिया के लक्षण पता चलते ही कैफीन वाले पदार्थ जैसे सोडा, चाय, कॉफी, कोल्डड्रिंक आदि बिल्कुल न पीएं। आलू, चावल, दही आदि खाना फायदेमंद होगा। सेब, संतरा, नींबू, अन्नानास, नारियल पानी, नाशपाती जितना खा सकते हैं, उतना खाएं। कई रिसर्च में पता चला है कि सेब का जूस डायरिया में बहुत फायदेमंद होता है। ड्राईफ्रूट्स का सेवन बंद कर दें। कुछ अंतराल पर ओआरएस का घोल पीते रहें। चाय पीने का मन हो तो ग्रीन टी में नींबू मिलाकर पीएं।

बीमारी से बचने का तरीका

खानपान

स्ट्रीट फूड और गंदी जगहों पर जो खाने का सामान रखा हो, उससे दूरी बनाकर रखें। घर से बाहर हैं तो बोतलबंद पानी पीएं। संभव हो तो घर से पानी लेकर निकलें।

पानी

पानी हमेशा उबालकर पीएं। पानी साफ करने के लिए क्लोरीन की गोलियां मेडिकल स्टोर पर मिलती हैं। अगर गंदा पानी आ रहा है तो उबालने के बाद इसे जरूर मिलाएं।

हाइजीन

इस बीमारी में सफाई सबसे जरूरी है। खाना खाने या बनाने से पहले साबुन से अच्छे से हाथ धोएं। फल और सब्जियों को कई बार धुलने के बाद ही इस्तेमाल करें।

ताजा खाना खाएं

बासी खाना खाने से बचें। खाना पकाने के अधिकतम एक घंटे के अंदर खाएं। खाना बनाने के बर्तनों को साबुन से ठीक से धुलें। ज्यादा दिनों के रखें बर्तन धुलकर ही इस्तेमाल करें।

टीका जरूर लगवाएं

डायरिया होने की मुख्य वजह रोटावायरस होता है। रोटावायरस की वैक्सीन लगवाकर इससे बचा जा सकता है। एक साल के बच्चों को वैक्सीन की यह खुराक दी जाती है।

डॉक्टर से मिलें

डायरिया के लक्षण दिखे तो मेडिकल स्टोर या किसी झोलाछाप से इलाज कराने के चक्कर में न पड़ें। किसी अच्छे डॉक्टर को समय रहते दिखाने पर दिक्कत बढ़ने से रोकी जा सकती है।

Tags:    

Similar News

-->