गोंडा। न्यायिक सेवा मे मुंसिफ मजिस्ट्रेट रहीं राधा तिवारी (70) की संदिग्ध हालत में मौत हो गयी है। मंगलवार को उनका शव उनके घर के किचेन में सड़ी गली अवस्था में पड़ा मिला है। मृतका के चचेरे भाई की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस तथा फॉरेंसिक टीम में घटना की जांच में जुटी है।
इटियाथोक थाना क्षेत्र के तारी परवलिया गांव के रहने वाली राधा तिवारी न्यायिक सेवा में थी और मुंसिफ मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात रह चुकी थीं। वर्ष 1998 में उन्हे न्यायिक सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। सेवा से बर्खास्त होने के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था और वह कुछ विक्षिप्त सी रहने लगी थी। वर्तमान समय में वह नगर कोतवाली क्षेत्र के मकार्थीगंज बरियारपुर स्थित अपने मकान मे अकेले रहती थीं। मृतका राधा के चचेरे भाई शांति स्वरूप तिवारी ने कि पिछले कुछ दिनों से राधा की सूचना नहीं मिली थी जिस पर वह मंगलवार को उनका पता लगाने के लिए उनके बरियारपुरवा स्थित आवास पर आए थे। लेकिन मकान के भीतर से दुर्गंध उठता देख उन्होंने तत्काल इसकी सूचना नगर कोतवाली पुलिस को दी।
पुलिस मौके पर पहुंची तो राधा तिवारी का शव उनके घर में बने किचेन में पड़ा था। शव पूरी तरह से सड़ चुका था और उससे बदबू आ रही थी। पुलिस ने शव को बाहर निकाला और पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि मौके पर नगर कोतवाली पुलिस व फॉरेसिंक में जांच में जुटी हैं।