मीरापुर। थाना क्षेत्र के ग्राम खेडी सराय में ग्राम पंचायत की जमीन को प्रशासन के आदेश पर खाली करा दिया गया, जिसका दलित समाज के लोगों ने जमकर विरोध किया। दलित समाज के लोगों ने ग्राम प्रधान व प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए गांव से पलायन करने की धमकी दे डाली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा बुझा कर लोगों को शांत कराया।
मीरापुर थाना क्षेत्र के ग्राम खेडी सराय में ग्राम पंचायत की लगभग 12 बीघा जमीन बंजर पडी हुई है, जिस पर दलित समाज के लोग अपने पशु बांध कर, उपले के बिटोडो बनाकर व झोपडियां डालकर लगभग 70 वर्षो से रह रहे थे। दलित समाज के लोगों ने इस भूमि पर शीशम, नीम व यूकेलिप्टिस के पेड लगाये हुए थे। आरोप है कि ग्राम प्रधान तसलीम अहमद ने इस भूमि पर जेसीबी मशीन चलाते हुए इसमें खडे पेडों व पशुओं के आशियानों को ध्वस्त करा दिया, जिस समय जेसीबी चल रही थी उस समय कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। दलित समाज के लोग इस जगह पशु बांधकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे, जब पशुओं को बांधने व पेडों के नीचे बैठने की जगह नहीं बचेगी, तो दलित समाज के लोग भी गांव से पलायन करने को मजबूर हो जायेंगे।
उधर ग्राम खेडी सराय के लेखपाल आकाश कुमार ने बताया कि यह ग्राम समाज की लगभग 12 बीघा जमीन है, जिस पर दलित समाज के लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ था। ग्राम प्रधान तसलीम अहमद ने इस जमीन पर पानी टंकी व प्रधानमन्त्री आरसीसी सेन्टर (कूडा घर) का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा था, जिसे प्रशासन ने पास कर दिया है और अधिकारियों की मौजूदगी में इस जगह पर बने अवैध निर्माण को जेसीबी द्वारा ध्वस्त कराते हुए पानी की टंकी बनाने का कार्य शुरू करा दिया है। इस जमीन पर ग्राम निवासी नरेश ने
अवैध रूप से दीवार खडी कर ली है, जिसकी शिकायत एसडीएम से करते हुए नरेश को नोटिस देकर दीवार को तीन दिनों में हटाने के नोटिस दे दिये गये हैं। दलित समाज ने गुरूवार को इस प्रस्ताव पर कडी नाराजगी जताते हुए जेसीबी मशीन का विरोध किया और प्रशासन के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष विनोद कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गये तथा आक्रोशित ग्रामीणों को समझाया। उन्होंने ने कहा कि एसडीएम जानसठ के आदेश पर ग्राम पंचायत की जमीन पर पानी की टंकी बनाने का कार्य किया जा रहा है। अगर किसी भी ग्रामीण को आपत्ति हो, तो एसडीएम जानसठ को अवगत कराते हुए उनके द्वारा दिये जाने वाले आदेश के बाद ही टंकी निर्माण कार्य रूकवाया जा सकता है। बेवजह कानून हाथ में लेने वाले लोगों को या निर्माण कार्य में बाधा डालने वाले लोगों के विरूद्ध प्रशासन के आदेशानुसार कार्यवाही की जायेगी। विरोध करने वाले दलित समाज के लोगों में प्रदीप कुमार, यशपाल, फूल सिंह, कालूराम, नैनसिंह, धर्मसिंह, जगदीश, पीतम, राजेन्द्र, ऊषा, रीना, सोनिया, रेशमा, सविता, बेबी, संगीता, अनिता, सुनेरती आदि मौजूद रहे।