उत्तरप्रदेश | सावधान, होशियार, खबरदार. ताजनगरी में शरीर को पंगु बना देने वाले ‘चिकनगुनिया’ बुखार की वापसी हो गई है. 2019 के बाद पहला मरीज आया है. यह हड्डी तोड़ बुखार तेजी से फैलता है, इसलिए मच्छरों से बचकर रहने की जरूरत है.
चिकनगुनिया का नया मरीज भावना एस्टेट सिकंदरा का रहने वाला 13 साल का बच्चा है. तेज बुखार के बाद निजी लैब में उसकी जांच की गई. हालांकि उसका इलाज घर पर हो रहा है. मलेरिया विभाग ने संक्रमित के परिवार के अलावा पड़ोसियों की जांच की है. एंटी लार्वा का छिड़काव कराया है. बता दें कि यह रोग डेंगू फैलाने वाले मच्छर की ही दूसरी प्रजाति से होता है. मच्छर के काटने के चार या पांच दिनों बाद तेज बुखार आता है. जोड़ों में भयंकर दर्द होता है. उठने-बैठने और चलने की शक्ति नहीं रहती. कुछ मामलों में उल्टी या दस्त भी देखने को मिलता है. जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि बच्चे की स्थिति सामान्य है.
18 साल पहले मचा था हाहाकार
आगरा में चिकनगुनिया बुखार करीब 18 साल पहले आया था. तब हर परिवार से कोई न कोई संक्रमित हुआ था. फिजीशियन के यहां लाइनें लगी रहती थीं. हालात इस कदर खराब थे कि झोलाछाप क्लीनिक तक पर मरीज भर्ती थे. सरकारी और निजी अस्पताल फुल हो गए थे. एक समय पर इसकी दवाएं भी खत्म होने के कगार पर आ गई थीं.
साल-दर-साल
● 2018- 04 मरीज
● 2019- 08 मरीज
● 2020- 00 मरीज
● 2021- 00 मरीज
● 2022- 00 मरीज
● 2023- 01 मरीज
बाहर ज्यादा काटते हैं एडीज मच्छर
यह रोग एक से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होता जाता है. यदि डेंगू वाली मादा एडीज मच्छर की प्रजाति काटती है तो 4-6 दिनों बाद असर दिखना शुरू होता है. यह मच्छर आम तौर पर दिन और दोपहर के समय ही काटते हैं. चिकनगुनिया के मच्छर घरों में कम बाहर ज्यादा काटते हैं, इसलिए बाहर निकलते समय शरीर को पूरा ढंकने वाले कपड़े पहनें.