राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समाजवादी नेता उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी है। संगम नगरी प्रयागराज में आज से प्रारंभ अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक की शुरुआत मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। कार्यकारी मंडल की बैठक में दिवंगत होने वाले सामाजिक जीवन में सक्रिय प्रमुख व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा है। उसी क्रम में मुलायम सिंह यादव समेत अनेक दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक का प्रारंभ करते हुए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बैठक में आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उसके पश्चात् गत दिनों दिवंगत हुए सामाजिक जीवन में सक्रिय प्रमुख व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी गई।
प्रयागराज में कार्यकारी मंडल की बैठक के शुभारंभ के अवसर पर द्वारका पीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद, पंचपीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र, पूर्व न्यायाधीश आरसी लाहोटी, हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव, प्रसिद्ध उद्योगपति सायरस मिस्री, पुरातत्वविद बी.बी. लाल तथा समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी गई।
मुलायम सिंह के हिंदी प्रेम का समर्थक रहा है संघ
मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहे। मुलायम सिंह यादव ने विदेशी मूल के मुद्दे पर सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने में भाजपा की मदद की थी। मुलायम सिंह यादव ने हिंदी भाषा के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री रहते हुए कार्य किया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक कुप सी सुदर्शन मुलायम सिंह यादव के प्रशंसक रहे। सरसंघचालक रहते हुए सुदर्शन जी मुलायम सिंह यादव से मिलने गए थे और हिंदी के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की थी। सुदर्शन जी ने मुलायम सिंह यादव से हिंदी विश्वविद्यालय जहां सभी विषयों की पढ़ाई हिंदी में हो, खोलने का आग्रह किया था। मुलायम सिंह ने इस पर कार्य करने की हामी भरी थी। वर्तमान सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत, मुलायम सिंह यादव का बहुत सम्मान करते थे। मुलायम सिंह यादव राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी प्रशंसक रहे।
कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ शताब्दी की दृष्टि से कार्यविस्तार के लिए बनी योजना की समीक्षा, प्रवास की योजना, समसामयिक विषयों पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त सरसंघचालक के विजयादशमी उद्बोधन में आए विषयों - जनसंख्या असंतुलन, मातृभाषा में शिक्षा, सामाजिक समरसता, महिला सहभाग आदि विषयों पर चर्चा होगी। पर्यावरण, कुटुम्ब प्रबोधन में चल रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी ली जाएगी।