मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की पॉक्सो अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म एवं हत्या के जुर्म में एक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने उसपर एक लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जमुना पार थाना प्रभारी निरीक्षक सूरज प्रकाश शर्मा ने बताया कि मामला 31 अगस्त 2020 का है जब एक ग्रामीण ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बेटी बीती रात अपनी बुआ की बेटी के साथ एक दुकान पर गई थी, परंतु वापस नहीं लौटी तथा उसे शक है कि दुकानदार बनवारी ने ही उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर ले जाकर कहीं गायब कर दिया है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि नीलम नामक महिला ने उसे बताया है कि बनवारी उसकी पुत्री एवं भांजी को लेकर उसके घर पहुंचा था, लेकिन उसने उसे अपने घर से भगा दिया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार अगले दिन उसकी बेटी का शव निकट के मावली गांव के जंगल में पड़ा मिला। वादी ने बताया कि भान्जी घर वापस आ गयी थी । थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद बनवारी को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल कर लिया कि वह ही वादी की नौ वर्ष की बेटी को अपने साथ ले गया था और उससे दुष्कर्म करने के पश्चात उसकी हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बनवारी के खिलाफ भादवि की धाराओं 363/376/302 एवं 201 तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम की धारा 5/6 के तहत चालान कर अदालत में पेश किया गया तथा जांच पूरी कर अपर जिला सत्र न्यायालय एवं स्पेशल पॉक्सो कोर्ट (द्वितीय) में आरोप पत्र दाखिल कर दिया जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) रामकिशोर यादव के यहां हुई।
सरकारी पक्ष से मामले की विशेष अभियोजक अलका शर्मा ने बताया कि सुनवाई के पश्चात मंगलवार को अदालत ने अभियुक्त बनवारी को फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया कि उसे ‘तब तक फांसी पर लटकाया जाए, जब तक कि उसकी जान न निकल जाए'। उन्होंने बताया कि अदालत ने अभियुक्त को एक लाख तीस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा भी सुनाई है जिसमें से 80 प्रतिशत धनराशि पीड़िता के परिजनों को सौंपी जाने के आदेश किए हैं।