पल्स पोलियो अभियान को यहां झटका लगा है। अधूरे विकास से खिन्न ग्रामीणों ने गांव की उपेक्षा करने का ठीकरा जिम्मेदारों के सिर फोड़ते हुए पल्स पोलियो ड्राप बच्चों को पिलाने से इनकार कर दिया है। ग्रामीणों के इस कदम से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी रविवार को पूरे दिन परेशान रहे। ग्रामीणों के रुख की जानकारी होते ही जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण पर मातहतों से रिपोर्ट तलब की है।
रविवार को मुरादाबाद समेत प्रदेश के 52 जिलों में रविववार को पल्स पोलियो अभियान तय था। पोलियो उन्मूलन के लिहाज से अति महत्वपूर्ण अभियान के क्रम में स्वास्थ्य विभाग की टीम ड्राप लेकर मूंढापांडे क्षेत्र के पैदुरिया गांव पहुंची। स्वास्थ्यकर्मियों के चेहरे पर तब अचानक शिकन आ गई, जब ग्रामीणों ने एक सुर में पल्स पोलियो अभियान का विरोध करते हुए बच्चों को ड्राप पिलाने से इनकार कर दिया। गांव में विकास कार्यों की उपेक्षा का ठीकरा प्रधान के सिर फोड़ते हुए ग्रामीणों ने कहा कि सड़कें चलने योग्य नहीं है।
ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए पोलियो अभियान का विरोध किया। दो टूक कहा, जब तक गांव की सड़कें पक्की नहीं होतीं, तब तक वह बच्चों को पोलियो ड्राप नहीं पिलाएंगे। ग्रामीणों के रुख से दंग स्वास्थ्यकर्मियों ने देर तक उन्हें समझाने की कोशिश की। बताया कि पोलियो अभियान व विकास कार्य दो मामले हैं। पोलियो ड्राप बच्चों की बेहतर व स्वस्थ्य जिंदगी के लिए बेहद जरूरी है।
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि मार्ग निर्माण की मांग को लेकर पल्स पोलियो अभियान का विरोध करना ठीक नहीं है। बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा से खेलने का अधिकार किसी को नहीं है। पैदुरिया गांव के ग्रामीणों के रुख की जानकारी मिली है, इसकी रिपोर्ट लेने के बाद कदम बढ़ाएंगे।
पोलियो ड्राप पिलाकर बच्चे को रखें रोग मुक्त
पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है। इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में संभव हो पाया। पोलियो की खुराक पिलाकर अपने पांच वर्ष तक के बच्चों को रोग से मुक्त रखें। पल्स पोलियो अभियान के तहत यह बात मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने कही। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शेफाली सिंह ने कहा कि इस राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने में सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विश्राम सिंह ने बताया कि अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जिलापूर्ति, नगर निकायों का भी सहयोग अपेक्षित है। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. मनोज चौधरी ने बताया कि अभियान में 33,32,733 की जनसंख्या में से पांच साल तक के 5,60,348 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
न्यूज़क्रेडिट: amritvichar